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बिहार के सारण जिला ,दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हॉस्पिटलों का समीकरण ऐसी समस्या है ,जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों में होती है और जिन्हे सही डॉक्टर और सही मार्गदर्शन नहीं मिलने और जो गरीब और असहाय व्यक्ति है , वे झोलाछाप डॉक्टरों के चक्क्र में पड़ जाते हैं।झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा सही तरीके से इलाज नहीं होने पर मरीजों को बड़े तबके के डॉक्टरों के पास ले जाते हैं और मरीजों के माध्यम से ही बड़े तबके के डॉक्टरों के साथ अपने फायदे के लिए साठ गांठ करते है । जिस के कारण कभी-कभी मरीजों को अपनी जान भी गवानी पड़ती है। यह समस्य सारण जिला ही नहीं बल्कि पुरे बिहार की है। बिहार में कई ऐसे गावँ है जहाँ सही मार्गदर्शन नहीं होने के कारण निजी झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं और इसी कारण ऐसे डॉक्टर खुद को एमबीबीएस बता क्र मरीजों के जान से खेल रहे हैं।