विद्यापतिनगर। प्रखंड में लगभग बीते कुछ वर्षों से नीलगाय के आतंक से किसान परेशान थे। इस परेशानी से किसानों को अब निजात मिल जायेगी। इसकी शुरुआत प्रखंड अंतर्गत पंचायतों से की गयी है। मालूम हो कि नीलगाय, जिसे स्थानीय भाषा में घोर गधा या घोड़परास कहा जाता है। यह एक जंगली पशु है, जो दर्जनों की संख्या में झुंड बनाकर एक साथ किसानों के खेतों में यत्र-तत्र विचरण करते हैं, जिस दौरान थोड़ी फसल को खाते हैं तो ज्यादा फसलों को पैरों से कुचल कर बर्बाद कर देते हैं। नीलगाय के आतंक से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों की मानें तो कभी-कभी निहत्थे किसानों पर नीलगाय वार भी कर देती है, जिससे कई बार किसान घायल भी हुए हैं। इस समस्या को लेकर वन विभाग के अधिकारियों को लगातार आवेदन दिया जा रहा था। जिसके बाद किसानों की समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल पर सरकार ने नीलगाय को मारने का आदेश दिया। सरकार का आदेश प्राप्त होने के बाद हैदराबाद से आये शूटरों की टीम ने स्थानीय जनप्रतिनिधि व वन विभाग के अधिकारी तथा किसानों के साथ समन्वय बनाकर नीलगाय को मारने का अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत बाजिदपुर पंचायत के दस नम्बर डाला रेलवे लाइन व रौता धार में शाम तक 12 नीलगायों को ढेर कर दिया गया। मुखिया मुकेश कुमार ने बताया कि वन व पर्यावरण विभाग की ओर से प्राप्त निर्देश पर प्रखंड के बाजिदपुर वन पंचायत में यह अभियान चलाया जा रहा है। जिस अभियान के तहत तीन-चार दिनों तक इस क्षेत्र में कैंप किया जायेगा और किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले नीलगायों को मार गिराया जायेगा। जानकारी के अनुसार पूरे दिन चले अभियान के कारण नीलगाय का झुंड इधर-उधर भाग गयी, अब दो-तीन दिन बाद फिर से यह अभियान चलाया जायेगा।