पश्चिमी सभ्यता को नहीं अपनी संस्कृति की महत्ता को समझे और उसी के अनुसार शिक्षक दिवस मनाये। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बातों को अपने जीवन में उतारकर अपने भविष्य को उज्जवल करें बच्चे। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।