झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला भूमि अधिकार पर अपनी राय साझा किया। राजकुमार ने बताया कि महिलाओं के भूमि अधिकारों पर बातचीत में पुरुषों को शामिल करने का कारण हिंसा को रोकना है। महिलाओं को अक्सर ही बल पूर्वक और आक्रामक तरीके से उनकी भूमि से बेदखल कर दिया जाता है।कभी कभी उनकी जान को भी खतरा होता है। भूमि का अधिक्रण मिलने के बावजूद महिलाओं को पुरुषों द्वारा किए जाने वाले उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। कई महिलाओं के पास भूमि है लेकिन इन फिर भी उन्हें अपनी भूमि एक बोझ जैसी लगती है।
