झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं ने अपने अधिकारों को पाने के लिए कई प्रयास किए। जिनमे पहला प्रयास था, महिलाओं ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया।ताकि वे अपने अधिकारों को समझ सके और समाज में बराबरी का स्थान पा सके।दूसरा, सामाजिक आंदोलन था। महिलाओं ने विभिन्न सामाजिक आंदोलनों में भाग लिया जैसे कि माताधिकार आंदोलन। जिससे उन्हें वोट देने का अधिकार मिला।तीसरा, महिलाओं ने कानूनों में सुधार की मांग की। जैसे - दहेज प्रथा के खिलाफ कानून, घरेलू हिंसा से सुरक्षा और समान वेतन के लिए संघर्ष। चौथा,संगठित प्रयास था। इसमें महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह,महिला संगठन और समितियां बनाकर अपने अधिकारिओं के लिए आवाज उठाई।
