झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारतीय कानून विधवा महिलाओं को कई अधिकार देता है। जिसमें पति की सम्पत्ति में हिस्सेदारी और पुनर्विवाह का अधिकार।हिंदू विधवा पुनर्विवा अधिनियम 1856 में शुरू किया गया था।इन अधिकारों में भरण - पोषण का अधिकार भी शामिल है। जब वे आय अर्जित न कर सके तब उन्हें गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार है।साथ ही वे अपने बच्चों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकती हैं।