झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से राजकुमार मेहता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला भूमि अधिकार पर अपनी राय साझा किया।राजकुमार मेहता ने बताया कि भारतीय समाज में लोगों की धारणा है कि जमीन और संपत्ति पर पुरुषों का अधिकार है और महिलाएं पुरुषों पर निर्भर हैं।पति की मृत्यु के बाद परिवार के पुरुष सदस्य जैसे में देवर ससुर विधवा को संपत्ति सेसी बेदखल करने की कोशिश करते हैं। आईडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार विधवाओं की भूमि अधिकारों को लेकर हमेशा सवाल उठाया जाता रहा है और उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ता है।हालांकि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम जैसे कानून महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देते हैं।लेकिन जमीनी स्तर पर इनका ठीक से पालन नहीं होता है। कानूनी ढांचे और महिलाओं के अधिकारों के वास्तविक प्रयोग के बीच एक बड़ा अंतर है