झारखण्ड राज्य से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि अगस्त दो हजार बीस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया की बेटियों का पैतृक संपत्ति में अधिकार पूर्वव्यापी है।यह दो हजार पांच के संशोधन के पहले भी लागू होगा और पिता के जीवित होने या न होने से फर्क नहीं पड़ेगा। कोर्ट ने कहा की जहाँ कानून में स्पषता नहीं है वहाँ न्याय समता और सदिवेक के विधानसों का पालन किया जाना चाहिए ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सके ।
