झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से राज कुमार मेहता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि हजारीबाग सुप्रीम कोर्ट ने बेटियों को सम्पत्ति में बराबर का हक दिलाने के लिए लैंगिक समानता का उपयोग किया ,भेदभाव का उन्मूलन और संविधान के तहत न्याय के सिद्धांतों का सहारा लिया ताकि महिलाओं को समाज और परिवार में पुरुषों के बराबर कानूनी दर्जा मिल सके क्योंकि अभी कई महिलाओं को भेद भाव के कारण समस्या उत्पन्न हो रहा है। कई महिलाओं को जो अधिकार मिलना चाहिए उस अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है।