झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला से नितेश केसरी मोबाइल वाणी के माध्यम से जानना चाहते हैं कि वयस्कों में पैनिक डिसऑर्डर कितना आम है ?

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" पैनिक डिसऑर्डर वयस्कों को प्रभावित कर सकता है और यह लोगों की सोच से ज़्यादा आम है। पैनिक डिसऑर्डर से ग्रस्त वयस्क अचानक तेज़ डर, दिल की धड़कन बढ़ना, सांस फूलना, पसीना आना या चक्कर आने जैसी स्थिति का सामना करते हैं, भले ही कोई वास्तविक ख़तरा न हो। ये अटैक अचानक और बिना किसी कारण भी आ सकते हैं, जिससे लोग कई बार कुछ जगहों या परिस्थितियों से बचने लगते हैं। पैनिक डिसऑर्डर रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर गहरा असर डाल सकता है, लेकिन सही सहयोग और इलाज से इसे पूरी तरह संभाला जा सकता है। डॉक्टर या काउंसलर की मदद, रिलैक्सेशन तकनीक, व्यायाम और संतुलित दिनचर्या से वयस्क पैनिक अटैक को नियंत्रित कर सकते हैं और सामान्य, यहाँ तक कि खुशहाल जीवन भी जी सकते हैं।"
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Oct. 10, 2025, 2:35 p.m. | Tags: information   health   mentalhealth