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जिला मधुबनी,प्रखंड खुटौना से चंदेश्वर राम चंदू जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए सरकार के निर्देशानुसार जिन व्यक्तियों की उम्र 60 वर्ष है और अगर उनके नाम बीपीएल में है तो उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिल सकता है।अगर बीपीएल में उनका नाम या परिवार के किसी व्यक्ति का नाम नहीं है तो उन्हें पेंशन से वंचित रहना पड़ेगा। ऐसे में हजारो-हजारो गरीब परिवार के लोग वृद्धापेंशन से वंचित है।वृद्धावस्था पेंशन में अनियमितता,भ्रष्टाचार और मनमानी फैला हुआ है। वृद्धावस्था पेंशन के लिए बिचौलियों के द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से कम उम्र के व्यक्तियों का उम्र बढाकर दूसरे लाभार्थी के नाम के जगह पर उनका नाम अंकित किया जा रहा है।इस काम के लिए पंचायत सचिव पांच सौ रुपये से लेकर हजार रुपये तक लेते है।सरकार के तरफ से बैंक खातों में राशि देने की बात आयी उसमे भी लापरवाही बरती जा रही है।किसी को दो वर्षो में छः हजार रूपया मिला वही दोसरो को छब्बीस सौ रूपया मिल पाया है। और कई सारे लोग अभी भी लाभ से वंचित है।कई लोगों की वृद्धावस्था पेंशन की बाट जोहते-जोहते मृत्यु भी हो चुकी है।वृद्धावस्था पेंशन की जीतनी चर्चा की जाये वह कम है। यह सब सरकार की लापरवाही और मनमानी उजागर करती है।

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जिला मधुबनी,प्रखंड खुटौना से चंदेश्वर राम चंदू जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि वृद्धावस्था पेंशन पाने के लिए सरकार के निर्देशानुसार जिन व्यक्तियों की उम्र 60 वर्ष है और अगर उनके नाम बीपीएल में है तो उन्हें वृद्धावस्था पेंशन मिल सकता है।अगर बीपीएल में उनका नाम या परिवार के किसी व्यक्ति का नाम नहीं है तो उन्हें पेंशन से वंचित रहना पड़ेगा। ऐसे में हजारो-हजारो गरीब परिवार के लोग वृद्धापेंशन से वंचित है।वृद्धावस्था पेंशन में अनियमितता,भ्रष्टाचार और मनमानी फैला हुआ है। वृद्धावस्था पेंशन के लिए बिचौलियों के द्वारा कंप्यूटर के माध्यम से कम उम्र के व्यक्तियों का उम्र बढाकर दूसरे लाभार्थी के नाम के जगह पर उनका नाम अंकित किया जा रहा है।इस काम के लिए पंचायत सचिव पांच सौ रुपये से लेकर हजार रुपये तक लेते है।सरकार के तरफ से बैंक खातों में राशि देने की बात आयी उसमे भी लापरवाही बरती जा रही है।किसी को दो वर्षो में छः हजार रूपया मिला वही दोसरो को छब्बीस सौ रूपया मिल पाया है। और कई सारे लोग अभी भी लाभ से वंचित है।कई लोगों की वृद्धावस्था पेंशन की बाट जोहते-जोहते मृत्यु भी हो चुकी है।वृद्धावस्था पेंशन की जीतनी चर्चा की जाये वह कम है। यह सब सरकार की लापरवाही और मनमानी उजागर करती है।