सरकार हर बार लड़कियों को शिक्षा में प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं लाती है, लेकिन सच्चाई यही है कि इन योजनाओं से बड़ी संख्या में लड़कियां दूर रह जाती हैं। कई बार लड़कियाँ इस प्रोत्साहन से स्कूल की दहलीज़ तक तो पहुंच जाती है लेकिन पढ़ाई पूरी कर पाना उनके लिए किसी जंग से कम नहीं होती क्योंकि लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने और पढ़ाई करने के लिए खुद अपनी ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है। लड़कियों के सपनों के बीच बहुत सारी मुश्किलें है जो सामाजिक- सांस्कृतिक ,आर्थिक एवं अन्य कारकों से बहुत गहरे से जुड़ा हुआ हैं . लेकिन जब हम गाँव की लड़कियों और साथ ही, जब जातिगत विश्लेषण करेंगें तो ग्रामीण क्षेत्रों की दलित-मज़दूर परिवारों से आने वाली लड़कियों की भागीदारी न के बराबर पाएंगे। तब तक आप हमें बताइए कि * -------आपके गाँव में या समाज में लड़कियों की शिक्षा की स्थिति क्या है ? * -------क्या सच में हमारे देश की लड़कियाँ पढ़ाई के मामले में आजाद है या अभी भी आजादी लेने की होड़ बाकी है ? * -------साथ ही लड़कियाँ को आगे पढ़ाने और उन्हें बढ़ाने को लेकर हमे किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ?

Transcript Unavailable.

बिहार राज्य के मधुबनी जिला के बेनीपट्टी ब्लॉक से चन्दन कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते है की, 18 पंचायत से आए हुए दलित समाज के लोगो ने अंचल कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन। इन सभी लोगो को आवास योजना और शौचालय का लाभ नहीं मिल रहा है। कुल 940 लोग का आवेदन प्राप्त किया गया

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

सकरी पंडोल मुख्य मार्ग प्रति सड़क जाम शमशान के जमीन प्रति विवाद दलित समुदाय के लोगों ने सड़क जाम किया

बिहार राज्य से इंदिरा कुमारी ,मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि बेनीपट्टी प्रखंड के शाहपुर पंचायत के वार्ड 14 स्थित राजकीय प्राथमिक स्कूल में कई महादलित बच्चे पढ़ते है। स्कूल की स्थिति जर्जर है। बच्चों के ऊपर प्लास्टर गिरने से कई बार बच्चे घायल हुए है ,साथ ही स्कूल के आगे में पानी भी भरा रहता है ,जिसे पार कर बच्चे जाते है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.