सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा धान की सीधी बुवाई तकनीक से होने वाले कई लाभ के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.

दुनिया में जितने लोग जीविका चलाने के लिए जमीन और प्राकृतिक संसाधनों पर पूरी तरह से निर्भर हैं उनमें आधे से ज्यादा आबादी महिलाओं की है। जमीन का अधिकार, महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाता है। वे अपनी जमीन पर खेती कर सकती हैं, उससे कमाई कर सकती हैं, और अपनी ज़रूरतों को पूरा कर सकती हैं। जमीन का अधिकार, महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करता है। जब महिलाओं के पास जमीन होती है, तो उन्हें समाज में अधिक सम्मान मिलता है। वे अपने परिवार और समुदाय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भाग ले सकती हैं। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- देश के ग्रामीण इलाकों में महिलाएं खेती किसानी किसानी का मुख्य हिस्सा हैं, इसके बदले में उन्हें किसी प्रकार कोई लाभ नहीं मिलता है। अगर कोई अधिकार उन्हें मिले , तो वह क्या होना चाहिए जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके। *----- महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक अवसरों तक पहुंच बनाने से ग्रामीण विकास को कैसे बढ़ावा मिल सकता है? *----- महिलाओं को उनके अधिकार उन्हें मिले और गाँव के विकास को बढ़ावा देने के लिए तकनीक का उपयोग कैसे किया जा सकता है? सामाजिक तौर पर क्या ऐसे क्या क्या प्रयास किये जाने चाहिए जिससे महिलाओं को ज़मीं पैर अधिकार यानी उनके नाम पर और मालिकाना हक़ हो ?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू ,ज्वार के फसल के लिए मिट्टी एवं बीज का चयन और बीज शोधन की जानकरी दे रहे हैं। ज्वार के फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

दोस्तों, भारत में केवल 28 प्रतिशत महिलाओं को जमीन में हिस्सेदारी मिली हुई है। खेतीहर भूमि में तो यह और भी कम महज 11 प्रतिशत महिलाओं की हिस्सेदारी है। जबकि खेती का 80 प्रतिशत काम महिलाओं के द्वारा ही किया जाता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जमीन पर अधिकारों तो दूर की बात है, महिलाओं को किसान ही नहीं माना जाता है। ग्राणीण इलाकों में किसान के तौर अभी भी पुरुषों की पहचान बनी हुई है। *------ महिलाओं को अधिकार न दिये जाने के मसले पर आप क्या सोचते हैं, *------ क्या आपको भी लगता है महिलाएं अभी भी पिछ़ड़ी हुई हैं? या फिर वह अभी भी स्वतंत्र निर्णय ले पाने की स्थिति में नहीं ले सकती हैं। *------ महिलाओं को भूमि अधिकार मिलने से उनके जीवन स्तर और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में क्या सुधार हो सकता है? *------ महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों के राह में क्या -क्या बाधाएं हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है? *------ महिलाओं के लिए भूमि अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए क्या- क्या तरीके प्रभावी हो सकते हैं?

इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे और जानेंगे पैसों के सही निवेश के बारे में