सोमवार को सप्तमी तिथि को लेकर छठ व्रतियों के द्वारा नगर के छठ घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय चैती छठ की समाप्ति हो गयी। उदित सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जठ व्रती और उनके परिजन अहले सुबह से ही नगर के घाटों पर जमा होने लगे थे।अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने घाटों पर अवस्थित मंदिरों में पूजा की और पारिवारिक सुख-शांति की कामना की। घर लौटकर व्रतियों ने छठ व्रत का पारण किया। घरों के दरवाजों पर भी व्रतियों ने दिया था अर्घ्य नगर के छठ घाटों पर आने-जाने की असुविधा थी।