स्कूलों में छात्रों के बीच डायरी देना प्राइवेट स्कूलों में आम बात है। सभी प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के होमवर्क के लिए एवं उनके अभिभावक अपने बच्चों का मूल्यांकन करने के लिए स्कूल द्वारा डायरी दी जाती है। इसी से प्रेरित होकर अब सरकारी स्कूल में भी अभिभावक अपने बच्चों का मूल्यांकन कर सकेंगे। जिले के कई स्कूलों में डायरी का वितरण हो गया है। अब प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी बच्चों का मूल्यांकन होगा। डायरी में कई खासियत सरकारी स्कूल में दी जा रही डायरी में कई खासियत है। इस सरकारी डायरी में बच्चों के लिए दैनिक स्कूली कार्य अंकित किए जाते हैं। वहीं स्कूलों में होने वाली छुट्टी, सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ,राष्ट्रीय गीत सहित अन्य चीजों को समाहित किया गया है। इसके अलावा बच्चों को हर दिन क्लास में होने वाली सभी क्रियाकलापों को उसमें अंकित करना होता है। जिससे कि अभिभावक अपने बच्चों को सही ध्यान दे सकेंगे। एचएम मनोज ठाकुर ने बताया कि बच्चों को डायरी देने का उद्देश्य यह है कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी अपने बच्चों का सही तरीके से मूल्यांकन कर सकेंगे। अभिभावक देख सकेंगे कि उनका बच्चा पढ़ रहा है कि नहीं वहां पढ़ाई नियमित तरीके से हो रही है या नहीं। शिक्षक के द्वारा दिए गए होमवर्क व स्कूल में क्या पढ़ाई हुई है। इसकी जानकारी भी मिल सकेगी।
