राज्य के विश्वविद्यालयों में आपदा की पढ़ाई शुरू करने से पहले मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। यही मास्टर ट्रेनर विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करेंगे। यही विश्वविद्यालयों में आपदा कोर्स के शिक्षक होंगे। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इसके लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से दो-दो मास्टर ट्रेनर के नाम मांगे हैं। कई विश्वविद्यालयों ने नाम भेज दिए हैं। अन्य विश्वविद्यालयों से भी मास्टर ट्रेनर के नाम जल्द भेजने को कहा गया है। मास्टर ट्रेनर अपने विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि भूगोल, भूगर्भशास्त्रत्त् और आपदा राहत कार्य से संबंधित विषय के विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने में प्राथमिकता दें। यूजीसी के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों में इसी सत्र से आपदा की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया था। पटना में राज्य स्तरीय कार्यशाला भी हुई। इसी के बाद सभी विश्वविद्यालयों के लिए सिलेबस तैयार करने का काम चल रहा है। अभी सर्टिफिकेट, फाउंडेशन व पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि मॉडल सिलेबस के हिसाब से सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने में बाधा नहीं है। इसलिए वर्तमान सत्र से सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा सकता है। यूजीसी ने मॉडल सिलेबस तैयार कर भेजा है। इसमें स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया जाना है। उत्तर बिहार के जिले बाढ़ और दक्षिण बिहार के जिले सुखाड़ से प्रभावित हैं। भूकंप के दृष्टिकोण से भी कई जिले संवेदनशील हैं। ओलावृष्टि, भारी बारिश और अन्य आपदा से भी जानमाल की क्षति होती है। इसलिए संबंधित क्षेत्र के विश्वविद्यालयों में उसी के अनुसार सिलेबस तैयार करने का काम चल रहा है। सिलेबस तैयार होने व शिक्षकों के प्रशिक्षित होने के बाद आपदा की पढ़ाई शुरू होगी।