सदर अस्पताल में 0 से 5 साल तक के मूक- बधिर बच्चों की जांच के लिए मंगलवार को मेडिकल कैंप लगाया गया। इस कैम्प में 33 बच्चों की जांच डॉ एस एन मेहरोत्रा फाउंडेशन कानपुर के द्वारा की गयी है। पिपराकोठी, कोटवा, फेनहरा,मधुबन, चकिया, तेतरिया, मेहसी, घोड़ासहन, मोतिहारी सदर सहित कई प्रखंडों के बच्चे आरबी एसके टीम के सहयोग से जांच के लिए आए। मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार व एसीएमओ डॉ रंजीत राय ने बताया कि जिले के ईएनटी चिकित्सकों की टीम के द्वारा बच्चों की स्क्रीनिंग करके चिह्नित किया जायेगा। इसके बाद बच्चों को मुफ्त इलाज भी मुहैया कराया जायेगा। पहले भी मूक बधिर बच्चों का कराया गया है ऑपरेशन आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि बिहार में सबसे पहले जिले के रामगढ़वा प्रखंड के अहिरौलिया गांव के मुर्गिया टोला (वार्ड संख्या (1) निवासी असहाब आलम के छह वर्षीय पुत्र अब्दुल रहमान का पटना एम्स में ऑपरेशन हुआ था। उन्होंने बताया कि अब बिहार सरकार के द्वारा कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए बच्चों को डॉ एस एन मेहरोत्रा फाउंडेशन कानपुर भेजा जाएगा। डॉ कुमार ने बताया कि एक बच्चे के इलाज में लगभग 7 लाख रुपए का खर्च आता है, जो बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने बताया कि जन्म के बाद कुछ बच्चे पूर्णत बहरे होते हैं। जिसके कारण उन्हें कुछ सुनाई नहीं देता और बाद में वे गूंगे भी हो जाते हैं।
