शहर में रहते हुए भी गांव से भी बदतर स्थिति है। शहर नगर निगम बन गया। सोचा कि अब तो मोहल्ले के दिन बदलेंगे। नाला बन जाएगा। जलजमाव से निजात मिल जाएगी। लेकिन हालात ज्यों के त्यों है। अब तो इसे हमलोग अपनी नियति ही मानने लगे हैं। मो. जावेद की इन बातों में उनके अंदर छिपा दर्द बखूबी बयां होता है। कहने लगे हालत तो देखिए। पूरी नारकीय स्थिति है।हमलोगों से भारी भरकम टैक्स वसूला जाता है। लेकिन बदले में क्या मिलता है? सालो भर जलजमाव व गंदगी। जी हां बात हो रही है शहर के वार्ड नंबर 22 स्थित जानपुल बाजार समिति रोड की। इस महत्वपूर्ण सड़क के हालात देख आप खुद दंग रह जायेंगे। यहां की करीब पांच सौ की आबादी सालों भर जलजमाव से जूझने को विवश हैं। लोगों के द्वारा आवाज उठाये जाने पर नगर निगम कभी-कभार सेक्शन मशीन भेज पानी निकलवा जरूर अपनी पीठ थपथपा लेती है। लेकिन समस्या के स्थायी निदान के लिए पहल नहीं हो पा रहा।