जिले में प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत योजना विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है । एक तो 25 लाख में मात्र ढाई लाख लोगों का गोल्डेन कार्ड बना है। वहीं, विभागीय उदासीनता के कारण योजना के तहत डॉक्टरों के क्लिनिक व नर्सिंग होम के चयन में शिथिलता के करण करीब 8 साल में जिला में मात्र 4 नर्सिंग होम का ही चयन हो सका है।हालत यह है कि विगत 4 अप्रैल को 5 और नर्सिंग होम के चयन के लिए निरीक्षण की तिथि रखी गयी थी, मगर नहीं हो सका। जिससे गोल्डन कार्ड धारकों को भी दूसरी बीमारी के इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम की सुविधा नहीं मिल पा रही।
