अरेराज अनुमंडल कार्यालय के सभागार में आधुनिक परिप्रेक्ष्य में टैगोर’ विषयक साहित्यिक सांस्कृतिक काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस काव्य संगोष्ठी में आये दर्जनों कवियों व साहित्यकारों ने विश्वकवि व गुरुदेव रविन्द्र नाथटैगोर के जीवनवृत आधारित विभिन्न कृतियों को प्रस्तुत कर उनके जन्म दिवस को कृतार्थ किया। सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे एसडीओ संजीव कुमार के आह्वान पर काव्य संगोष्ठी आरम्भ करने से पूर्व गुरुदेव टैगोर की प्रतिमा पर सभी वक्ताओं ने माल्यार्पण किया। अनुमण्डल पदाधिकारी श्री कुमार ने भी टैगोर के जीवन आधारित कविता को प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी। आयोजन में आये सभी कवियों ने ‘हिंदी कविता की मंचीय परंपरा में कुमार विश्वास का योगदान’ विषयक शोध कार्य से जुड़े अरेराज बनकटवा गांव के माटी का लाल अनुपम प्रियदर्शी को भी आगामी काव्य संगोष्ठी में न्योता देने के आग्रह को स्वीकृति प्रदान की गई। एमएसएसजी कालेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डा धीरेंद्र कुमार व शोधकर्ता मनोहर मिश्रा ने कहा कि विश्व कवि टैगोर जी का बिहार से गहरा नाता रहा है। राष्ट्रपति डा राजेन्द्र प्रसाद के सान्निध्य मेंटैगोर को 17मार्च 1936 को पटना विश्व विद्यालय के सीनेट हॉल में सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं भागलपुर के तिलहा कोठी में रविन्द्र नाथ टैगोर ने मानवता आधारित गीतांजलि की सात कविताओं की रचना की थी।
