राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय उत्क्रमितमध्य विद्यालय चटिया दीयर में चमकी बुखार से बचाव हेतु शुक्रवार को बच्चों व शिक्षकों के बीच चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आलोक कुमार जागरूकता अभियान चलाया गया। चिकित्सकों के द्वारा चमकी बुखार से बचाव व लक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी उपस्थित बच्चों एवं शिक्षकों को दी गई।डॉ कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में 09 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चो को चमकी बुखार होता है जिसमें मूल रूप से तीन बातों का ख्याल रखना आवश्यक है जिन्हें याद रखना है। चमकी बुखार से प्रभावित बच्चों को ‘खिलाओ जगाओ अस्पताल ले जाओ ’ के सूत्र को अपनाना जरूरी है। रात्रि में बच्चों को खाली पेट नहीं सोने देना है, खाने के बाद मीठा फल जरूर खिलाना है। रात में जब भी नींद खुले बच्चों का हाथ पकड़ कर देखना है कि बच्चे को तेज बुखार तो नहीं है। यदि बुखार है तो उनको पेरासिटामोल की टेबलेट देनी है ओ आर एस का घोल पिलाना है और तुरंत उसके बाद 102 नंबर डायल करके एंबुलेंस मंगवा कर बच्चे को अस्पताल पहुँचाना है। एंबुलेंस के अलावा भी प्राइवेट स्तर पर भी यदि वाहन है उपलब्ध है तो उस वाहन के सहयोग से भी बच्चों को तुरंत अस्पताल में बच्चे को दाखिल कराना है।