15 मार्च से 15 जून तक अगलगी की घटनाएं चरम पर रहती है। अगलगी की घटनाओं से निपटने के लिये अग्निशमन विभाग ने पूरी तैयारी की है। जिले में 27 हॉट स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। जहां 24 घंटे संसासधनों लैश वाहन मौजूद रहेगी। आग की सूचना मिलते ही पांच से सात मिनट रिस्पांस टाइम पर पहुंच जायेगी। होमगार्ड के जिला समादेष्टा सह जिला अग्निशामालय अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि जिले में छह अनुमंडल है। सभी अनुमंडल में दो-दो बड़ी गाड़ियों उपलब्ध करायी गयी है। इसके अलावा चिन्हित हॉट स्पॉट पर रेडी पॉजिशन में वाहन उपलब्ध रहेंगे। सूचना मिलते ही गाड़िया पहुंच आग पर काबू पायेगी। आग से बचाव के लिये मॉक ड्रील भी किया जा रहा है। शहर व गांवों में जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। चिन्हित किये गये हैं 27 हॉट स्पॉट जिले में 27 हॉट स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। मुफस्सिल, छतौनी चौक, पीपराकोठी, सुगौली, कोटवा, बंजरिया, रक्सौल, रामगढ़वा, आदापुर, छौड़ादानो, अरेराज, हरसिद्धि, पहाड़पुर, संग्रामपुर, पकड़ीदयाल, पताही, मधुबन , राजेपुर, फेनहारा, ढाका, चिरैया, घोड़ासहन, चकिया, केसरिया, कल्याणपुर व मेहसी को हॉट स्पॉट के रुप में अग्निशमन विभाग ने चिन्हित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी मिलने में होती है परेशानी अग्निशमन गाड़ी में पानी की कमी होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी मिलने में परेशानी होती है। अग्निशमालय अधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि विभागीय स्तर पर एक पत्र भेजा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगे नलकूप व सिचाई के लिये बने पंप से पानी लेने की अनुमति दी जाये। स्वीकृति मिलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की जो कठिनाई होती थी वह अब दूर हो जायेगी। दो वर्षों में अगलगी की हुईं 658 घटनाएं जिले में दो वर्षो में अगलगी की 658 घटनाएं हुई है। घटनास्थल पर फायर व्रिगेड की गाड़ी पहुंची व काबू पायी है। वर्ष 2021 में जिले में 369 व वर्ष 2022 में 289 अगलगी की घटनाएं हुई। सबसे अधिक सदर अनुमंडल में अगलगी की घटनाएं होती है। पानी भरने के लिये हैं 80 हाईडेंट अग्निशमन गाड़ियों में पानी भरने के लिये 80 हाईडेंट हैं। इसके अलावा पंप है जिससे नदी या तलाब में असानी से शीघ्र पानी भरा जा सकता है। पानी भरने के लिये इस पंप को नदी में फेंक दिया जाता है। वह नदी में तैरते रहता है और बहुत जल्द पानी भर देता है। विभाग की ओर से अग्निशमन वस्त्र भी उपलब्ध कराये गये हैं। आग में फंसे व्यक्ति को इस वस्त्र को पहनकर धधकती आग में अंदर जाया जा सकता है। छोटी-बड़ी है 34 फायर ब्रिगेड आग से निपटने के लिये जिले में 34 फायरव्रिगेड की गाड़ियां है। जिसमें एक खराब है। छह अनुमंडल मुख्यालय में दो-दो बड़ी गाड़ियां है। 21 छोटी गाड़ियों को विभिन्न थानों में तैनाती की गयी थी। हॉट स्पॉट चिन्हित के बाद बदलाव करते हुये वाहनों को चिन्हित स्थानों पर उपलब्ध कराया गया है। विभागीय चालक अभी जिले में चालीस उपलब्ध है। गाड़ी से अधिक चालकों की संख्या है। किसी चालक के बीमार पड़ने की स्थिति में भी वाहन बंद नहीं होते