जिला खनन विभाग ने तीन साल के बकायेदार ईंट भट्ठा संचालकों से माइनिंग रॉयल्टी की वसूली तेज कर दी है। ईंट भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी करने के साथ माइनिंग रॉयल्टी का भुगतान शुरू कर दिया गया है। जिले के 353 ईंट भट्ठा संचालकों में अबतक 190 संचालकों के द्वारा 2.60 करोड़ माइनिंग रॉयल्टी का भुगतान किया गया है। 163 ईंट भट्ठा संचालकों पर है रॉयल्टी बकाया अभी 163 ईंट भट्ठा संचालकों पर करोड़ों रुपये रॉयल्टी का बकाया है। जिसे शीघ्र जमा कराने का सख्त निर्देश दिया गया है। इसके अलावा ईंट भट्ठा संचालन के लिए अन्य कागजात जमा कराने का निर्देश दिया गया है। सीटीई व सीटीओ के लिए 300 संचालकों को नोटिस ईंट भट्ठा संचालन के लिए संचालकों को कंसेंट टू इस्टेब्लिस व कंसेंट टू ऑपरेशन,स्वामित्व आदि का भुगतान व ईंट भट्ठा संचालन के लिए निबंधन प्रमाण पत्र जमा कराना होगा। चिमनी भटठ स्थल के जमीन का कागजात, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीटीई व सीटीओ देना होगा। पैन कार्ड,आधार कार्ड की छाया प्रति व वाणिज्य कर विभाग से निबंधन प्रमाण पत्र की छाया प्रति देना अनिवार्य किया गया है।अबतक 300 ईंट भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। 353 ईंट भट्ठा संचालित हैं। श्रेणी के अनुसार करना होगा रॉयल्टी का भुगतान ईंट भट्ठा संचालकों को श्रेणी के अनुसार रॉयल्टी का भुगतान करना होगा। जिला खनन विभाग के अनुसार शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग अलग रॉयल्टी निर्धारित है। शहरी क्षेत्र श्रेणी 2 व ग्रामीण क्षेत्र में संचालित ईंट भट्ठा श्रेणी 3 के अंतर्गत आता है। श्रेणी 2 के लिए आवेदन शुल्क 5 हजार रुपये व रॉयल्टी 1 लाख 57 हजार 500 रुपये सहित कुल 1 लाख 62 हजार 500 रुपये जमा कराना होगा। वहीं श्रेणी 3 के तहत आवेदन शुल्क 5 हजार रुपये ,रॉयल्टी 1 लाख 12 हजार 500 रुपये सहित कुल 1 लाख 17 हजार 500 रुपये जमा कराना होगा। उक्त रॉयल्टी की राशि समय पर भुगतान नहीं करने पर जनवरी में 105 प्रतिशत, फरवरी में 110 प्रतिशत,मार्च में 115 प्रतिशत,अप्रैल से जून तक 150 प्रतिशत व जून के बाद 200 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा।