जैव उर्वरक अजोला बढ़ाएगा फसलों का उत्पादन पीपराकोठी। केविके ने एक बहुआयामी जैव उर्वरक तैयार कर रहा है। जो फसलों का उत्पादन करने के साथ-साथ उत्कृष्ट पशु चारे का काम काम करेगा। केविके का अजोला प्रोजेक्ट किसानों की पसंद बनता जा रहा। दर्जनों किसान अजोला का उत्पादन कर रहे हैं। अजोला सस्ता, सुपाच्य, पौष्टिक व पूरक पशु आहार सिद्ध हो रहा है। क्या है अजोला: यह एक जैव उर्वरक है। एक तरफ जहां इसे धान की उपज बढ़ती है वहीं ये कुक्कुट, मछली और पशुओं के चारे के काम आता है। कुछ देशों में तो लोग इसे चटनी व पकोड़े भी बनाते हैं। इससे बायोडीजल तैयार किया जाता है। यहां तक कि लोग इसे अपने घर के ड्रॉइंग रूम को सजाने के लिए भी लगाते हैं। अजोला पशुओं के लिए पौष्टिक आहार है। पशुओं को खिलाने से उनका दुग्ध उत्पादन बढ़ जाता है। इस फर्न का रंग गहरा लाल या कत्थाई होता है। धान के खेतों में यह अक्सर दिखाई देती है। छोटे-छोटे पोखर या तालाबों में जहां पानी एकत्रित होता है वहां पानी की सतह पर यह दिखाई देती है। क्या कहते हैं केविके प्रमुख: केविके प्रमुख डॉ.अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि इसका उत्पादन दर्जनों किसान कर रहे हैं। माधोपुर केविके में भी उत्पादन हो रहा है। इसके उत्पादन को लेकर किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है।
