सिंचाई नाला को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश से किसानों में खुशी का लहर । ज्ञात हो कि बहुआर नदी से सिकंदरा सरकारी हॉस्पिटल के बगल से सिकंदरा चौक होते हुए पचमहुआ गांव के लगभग हजारों बीघा खेत का पटवन इसी सिंचाई नाला से होता था लेकिन सिकंदरा के पूर्व मुखिया पति बाबूलाल साह एवं ग्राम कचहरी सिकंदरा के पूर्व सरपंच अशोक चौधरी एवं अन्य लोगो द्वारा पूर्व के अंचल अधिकारी सिकंदरा को अपने मुखिया का पावर इस्तेमाल करते हुए मेल में लाकर उपरोक्त सिंचाई नाला का जाल फरेब जमाबंदी पंजी टू पर खाता 454 खेसरा 1280 को गैर मजरूआ सरकारी जमीन का रसीद कटवा लिया जिससे हजारों किसान के पटवन अवरोध कर अपना अवैध निर्माण दुकान कर अपना आमदनी का आय बढ़ा लिया एवं किसान को भूख मरने के लिए छोड़ दिया पूर्व में सिकंदरा गांव के बुद्धिजीवी किसान स्वर्गीय शिवरतन यादव के विरोध करने के उपरांत अपर समाहर्ता जमुई ने जमाबंदी को अवैध घोषित करते हुए बाबूलाल साह बैंगरह का जमाबंदी रद्द करते हुए किसान हित के लिए सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त का आदेश दिए ।लेकिन शिवरतन यादव के मृत्यु बाद पुनः बाबूलाल साह बैंगरह ने पूर्व अंचल अधिकारी सिकंदरा को मेल में लाकर पुनः रसीद काटकर सरकारी जमीन पर अवैध दावा करने लगा इसी बीच सिकंदरा किसान के एक दल कमेटी गठित कर उपेंद्र राम बगैरह ने किसान हित के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया उच्च न्यायालय पटना में C. W.J.C नंबर 4135 / 2024 में आदेश पारित करते हुए जिला पदाधिकारी जमुई को एक कमेटी गठित कर सिकंदरा के किसान एवं अवैध कब्जाधारी बाबूलाल साह बगैरह का जांच करने का आदेश निर्गत करने का आदेश दिए । जिसमें जिलाधिकारी ने विविध वाद संख्या 17/ 2024 -25 के द्वारा बाबूलाल साह बगैरह का दवा अवैध घोषित करते हुए सिंचाई नाला का खाता 454 खेसर 1280 का अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश पारित किया गया । इस आदेश पर सिकंदरा के किसानों में खुशी का माहौल देखने को मिला ।