“एक राष्ट्र एक चुनाव” का विचार भले ही बहुत अच्छा है, इसके समर्थन में दिए जाने वाले तर्क की देश के विकास को गति मिलेगी, राजनीतिक दल हमेशा राजनीतिक के मूड में नहीं रह पाएंगे और कि इससे देश का पैसा बचेगा, विचार के लिहाज से बहुत अच्छा है। इन सब बातों को देखते हुए इसको स्वीकार किया जाना चाहिए, लेकिन मूल सवाल अब भी बना हुआ है कि केंद्र की सत्ता पर काबिज बड़े राजनीतिक दल अपने विस्तार की लालसा को रोक कर राज्यों की सरकारों को उनका काम करने देंगे, भले ही वह उनकी विचारधारा और पार्टी की सरकार न हो?