बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है। ये बदलाव आवासान और शहरी कार्य मंत्रालय की तरफ से किया गया है। दिशा-निर्देशों में बदलाव करने के पीछे सरकार का मकसद इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। सरकार की मंशा शहरी क्षेत्र में आने वाली ज्यादातर आवासीय योजनाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाना है।नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सरकार ने किसी भी अधिसूचित आवासीय योजना या फिर औद्योगिक विकास प्राधिकरण में चल रही आवास योजना या शहरी विकास प्रधिकरण या राज्य सरकार के कानून के तहत चल सभी आवासीय योजनाओं को प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया है। इसके पीछे बस शर्त ये रखी गई है कि इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी नियमों को पालन करना होगा।बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना का काम ग्रामीण विकास मंत्रालय देखता है जबकि शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना का आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा देखा जाता है। गाइडलाइंस में किए नए बदला के मुताबिक अब से प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल बेनिफिशयरी के पास यह विकल्प होगा कि वह इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में घर ले सके।प्रधानमंत्री आवास योजना को 25 जून 2015 को लॉन्च किया गया था, इस स्कीम के तहत साल 2022 तक दो करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इस स्कीम के तहत सोयायटी के गरीब लोगों को घर दिलाने का इरादा है। कुछ समय पहले आए बदलाव में तटीय शहरो में पोर्ट डिवेलपमेंट अथॉरिटी के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।