वर्षो से जलमग्न मार्ग पर पुलिया बनाने की ग्रामीणों द्वारा मांग पर मंजूर हुई पुलिया निर्माण कार्य शुरू
#UPCM श्री MYogiAdityanath जी के कुशल नेतृत्व में गरीब कल्याण की दिशा में अंत्योदय लक्ष्य के साथ विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' के अंतर्गत 15 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन की सुविधा दी जा रही है। साथ ही, 'आयुष्मान भारत/मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना' के तहत 09 करोड़+ गरीबों को ₹5 लाख (प्रति परिवार) तक मुफ्त इलाज की सुविधा भी दी जा रही है।।
प्रश्न०. #दुनिया का सबसे #हिंसक और #खतरनाक कुत्ता किस प्रजाति का है और कहां पाया जाता है,.? उत्तरo.दुनिया का सबसे #हिंसक और #खतरनाक कुत्ता है #रॉटविलर. जोकि गुस्सा आने पर शेर तक से भी लड़ने की और जीतने की हिम्मत रखता है। #dogsnews
शिक्षा के प्रति प्रबंध समिति गंभीर बने
शाहजहांपुर ,मैं रामचंद सिंह मोवालवानी से बात कर रहा हूं । ई - गवर्नेंस का सबसे अच्छा उदाहरण कलान तहसील क्षेत्र के एक बीटा जंगल से कंचरपुर तक जाने वाली लगभग डेढ़ किलोमीटर की सड़क है । यह सड़क अभी तक पक्की नहीं हुई है । बेथा जंगल के निवासी राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता इटाई के प्राचार्य विष्णु दत्त द्विवेदी ने इस सड़क को पक्का करने के लिए सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क किया । मुख्यमंत्री ने स्वयं सड़क को मंजूरी दी और अब इस सड़क का निर्माण शुरू हो गया है । लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है । कंचरप गाँव के दक्षिण में गंगा नदी है और उत्तर में कोई सड़क नहीं है । दस - बीस साल पहले एक कच्ची सड़क बनाई गई थी , जो बारिश में बाहर जाने लायक भी नहीं है । इसे ध्यान में रखते हुए विष्णु दत्त द्विवेदी ने सबसे पहले कहा , जन - प्रतिनिधियों ने इस सड़क के निर्माण के लिए चक्कर लगाए , लेकिन वहां से कोई सफलता नहीं मिली ।
शाहजहांपुर ,मैं रामचंद्र सिंह हूँ , मोबाइल वार्ड से बोल रहा हूँ । कच्चा सड़क ने ग्रामीणों की आवाजाही में आठ किलोमीटर की वृद्धि की है । कलाम टिहरी क्षेत्र के खजुरी गणेशपुर गांव की सड़क ग्रामीणों के लिए समस्या बन गई है । डेढ़ किलोमीटर की इस कच्ची सड़क के कारण बारिश होने पर ग्रामीणों को आठ किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है । ग्रामीणों ने कई बार प्रशासनिक प्रकोष्ठ लेकर जन - प्रतिनिधियों से शिकायत की , लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया । खजुरी ग्राम पंचायत से गणेशपुर के रास्ते में कलाम के विकास के दावे खोखले साबित हो रहे हैं । मीटर वाली सड़क कच्ची है , लोग हमेशा की तरह गाँव जाने के लिए आवागमन करते हैं , लेकिन एक पाइप पुलिया के कारण ग्रामीणों की डेढ़ किलोमीटर की दूरी 8 किलोमीटर में बदल जाती है । ग्रामीणों के अलावा छात्रों को 8 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है ।
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