सरकार पीने के पानी के लिए लगातार नए नियम ला रही है और लोगों को जागरूक भी कर रही है । इसके लिए लोगों को शुद्ध पेयजल पीने का तरीका बताया जा रहा है । आपको बता दें कि पंचायत कडई माधपुर में केंद्रीय वित्त योजना दो हजार बाईस तेइस के तहत एक पानी की टंकी का निर्माण किया गया था , जिसमें माननीय राजीव प्रताप मुख्यमंत्री के आदेश से और मंगरौरा के ब्लॉक प्रमुख होने के नाते , अपने उपनाम नंदन भैया के माध्यम से , उन्होंने स्वास्थ्य बनाए रखा । केंद्र मंडे के सामने एक टंकी की व्यवस्था की गई थी , जिसे लगाया गया है और टंकी में नल भी लगाया गया है , लेकिन एक तरह से यह सोफे बन गया है । इसमें पानी नहीं निकलता है । कई महीनों से इसमें पानी नहीं है , जो एक तरफ देखने को मिल रहा है , तो दूसरी तरफ माछु गांव सबाई में खारा पानी है और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के लिए सरकार द्वारा पानी भी उपलब्ध कराया जा रहा है । यहाँ आकर , इस खारे पानी के लिए , यहाँ हरल जल योजना के तहत , पहला विचार यह था कि लोग खारे पानी से छुटकारा पा सकते हैं , लेकिन यह टंकी और उसके आसपास के लोग सिर्फ सौ टुकड़े रह जाते हैं ।

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पीएम सूर्य घर एप योजना पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

जनपद के चार थानों में किया गया लोकार्पण

पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभाओं में पिछले दस दिनों से कहीं धूप है,तो कहीं छांव तो कहीं कहीं पर बादल छाये हुऐ हैं, पिछले सप्ताह छिट पुट बारिश होने की वजह से किसानों को सिंचाई करने से थोडी़ राहत मिली थी, जिससे किसानों ने अपने गेंहू की सिचाई नहीं किया, क्योंकि, तब से अब तक मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ, और रोज कहीं धूप तो कहीं छांव कहीं बादल छाये रहते हैं, जिसकी वजह से किसानों को भगवान के ऊपर भरोसा रखते हुए अपने गेंहू की नहीं की अब देखना यह है,की क्या किसानों का भला हो पायेगा भगवान भरोसे या फिर किसानों को नुकशान उठाना पडे़गा,

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा कहला के शहीद स्मरक में हर घर नल हर घर जल जीवन मिशन योजना का कार्य शुरू कर दिया गया है, आपको बता दें, भारत सरकार द्वारा हर घर नल हर घर जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है, जिससे लोगों को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध हो सके, इस लिए विकास खण्ड़ गौरा के सभी ग्राम सभाओं में, हर घर नल हर घर जल जीवन मिशन योजना का कार्य बहुत तेजी के साथ बढ़ाया गया, लेकिन शहीदों की धरती कहे जाने वाले कहला में हर घर नल हर घर जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत बहुत बिलम्ब से किया जा रहा है, वहां के स्थानीय लोगों का आरोप है, की ग्राम सभा कहला में कई बिघा जमीन है,लेकिन इसके बावजूद भी ग्राम प्रधान अपनी मनमानी ढंग से हर घर नल हर घर जल जीवन मिशन योजना को जबरजस्ती शहीद स्मरक में पानी की टंकी का निर्माण कार्य करवा रहे हैँ,

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देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।