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ग्रामीणों के लिए बनाए गए सामुदायिक शौचालय एवं स्नानागार गृह बेकार पड़े।
ग्रामीणों के लिए बनाई गई अस्पताल खुद अपबी बदहाली पर बह रही आंसू। जनपद में स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल।
आवारा जानवरों ने मचा रखा है आतंक। किसान अपने और अपने परिवार का कैसे करें भरण पोषण।
आखिरकार छुट्टे जानवर एवं नीलगायों से कब मिलेगी निजात। आखिर कब तक किसान बहाते रहेंगे आंसू।
गांव में नहीं सुधर रहे सड़कों के हालात। जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त।
टूटी हुई पलिया से आवागमन करने को मजबूर है राहगीर
जंगली जानवर का जा रहे हैं आलू
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