जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के रामापुर बाजार में फ्लाई ओवर के नीचे रेलवे फाटक से पश्चिम नेशनल हाइवे 91 पर भारी मात्रा में जल जमाव के कारण लोगों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, आपको बता दें, की पिछले तीन दिन पहले हुई बिन मौसम की बारिश से रामापुर नेशनल हाइवे 91 पर जगह जगह पानी भरा हुआ है, अभी तो बिन मौसम की बारिश से ही रोड़ पर पानी भरा हुआ है, तो बरसात के समय क्या होगा,
गौरा रेलवे स्टेशन का नवीनी करण बन रहा है नया प्लेटफार्म
आजादी के बाद से ही सरकारें देश में किसान और कृषि से संबंधित तमाम योजनाओं के माध्यम से विकास में जुड़ी हुई हैं। जहा एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ किसानों को उनकी लागत में हर संभव कमी के प्रयास पर भी बल दिया जाता है। किसानों के जीवन में मौसम आदि से संबंधित तमाम चुनौतियों के साथ आवारा पशु भी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक नई चुनौती बनकर खड़े हैं साथ ही साथ कुछ क्षेत्रों में जिसमें रानीगंज के साथ जनपद प्रतापगढ़ के अन्य तहाशीलों के क्षेत्रों में जंगली सुअर ने भी फसलों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है जिससे किसान हताहत है।
चौबीस घंटे से कैद बेजुबान भूख प्यास से तड़प रहे , बाबागंज ब्लॉक के गिस्था गांव में मंगलवार को किसानों द्वारा एकत्रित कर पानी की टंकी बाउंड्री वॉल में जमा किए गए बेजुबानों को भोजन, पानी नहीं मिला है खबर लिखे जाने तक 36 घंटे बीत चुके थे लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौके पर तो गए थे लेकिन कोई उचित ठोस निर्णय नहीं ले पाए मंगलवार से अबतक लगभग 500 की संख्या में निराश्रित गोवंश बाउंड्री वॉल में जमा किए गए हैं प्रभारी बीडीओ बाबागंज रामचंद्र शर्मा मंगलवार को मौके पर आए थे , लेकिन फोन कोई सार्थक कदम नहीं उठा पाए जिसके कारण बेजुबान बिना चारा पानी के बाउंड्री में तड़प रहे।
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा अवधानपुर भोजे म ऊ में आज रात बड़कवा सियार के पंजें का निशान एक आलू के खेत में दिखाई देने से गांव में बहुत हड़कंप मचा हुआ है,जिससे इस गांव के लोग बहुत भयभीत हैं, आईये जानते हैं, एक किसान से जो इस समय यही अपने खेत में ही मौजूद हैं, हम इनसे जानने का प्रयास करते हैं, की क्या है, यहां की हकीकत उन्हीं की जुबानी क्या है, कहानी
Transcript Unavailable.
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ग्राम पंचायत में धीरेश कुमार । वह कभी भी गाँव के विकास कार्यों में रुचि नहीं लेते हैं और कभी गाँव नहीं आते हैं , इससे गाँव के विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं और गाँव के लोग भी बहुत परेशान हैं ।
मिर्च की खेती
पपीते की खेती