मैं , शैलेंद्र तपा सिंह , मोबाइल वडनी में आप सभी का स्वागत करता हूं । आपको बता दें कि टरमैक पर बनाई गई यह पलाई बिना लुढ़की हुई है और खतरनाक मोड़ पर है , सड़क के तीन किनारे हैं , लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार । यहां पुलिया टूट जाती हैं और पुल पर रेलिंग क्यों नहीं है क्योंकि देर रात तक यह दुर्घटना का कारण बन सकता है और मौत का कारण बन सकता है और सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोग इससे गुजरते हैं कि क्या यह ग्राम प्रधान है या जिम्मेदार अधिकारी किसी भी काम के लिए गांव आते हैं । वे इस रास्ते से गुजरते हैं लेकिन वे इसे नहीं देखते हैं , तो क्या कारण है , आखिरकार , गाँव वालों का जीवन इतना सस्ता क्यों हो गया है या इतना सस्ता क्यों कर दिया गया है , तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि गाँव का विकास आखिरकार कैसे होगा और यह निराशाजनक विकास क्या है ? पहिये दिखाई दे रहे हैं , वे आखिरकार गाँव में कब जागेंगे और उठेंगे और दूर से दिखाई देंगे और गाँव वालों में एक उम्मीद पैदा होगी कि सतत विकास का पहिया लगातार घूम रहा है और हमारा जीवन भी बदल रहा है या बदलने वाला है । लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह स्थिति कब पैदा होगी और ये परिस्थितियाँ कब बदलेंगी और आम लोग और ग्रामीण कब खुश होंगे और उनकी उम्मीद कब बढ़ेगी और खुद को दिखा पाएगी ? कि हाँ , हमारे गाँव में कुछ हो रहा है और गाँव का विकास लगातार बढ़ रहा है । घूर्णन चक्र बताएगा कि साहब हमारे लोगों का गाँव है जो अब चमक गया है , लेकिन ये तस्वीरें जो बहुत धरती को चकनाचूर कर रही हैं , यह भी बहुत कुछ बताती हैं कि साहब सब कुछ बदल रहे हैं ।