उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से काजल प्रजापति , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह सिलाई का काम जानती है। उनको सरकार से सिलाई के सम्बन्ध में लाभ चाहिए।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से किरण खुश्वाहा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह सिलाई का काम जानती है। वह सरकार से लाभ लेना चाहती है।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीतदास साहू सरगुजा खेती के बारे में जानकारी दे रहें हैं। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से रवि सेन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूचि योगी से हुई। रूचि योगी यह बताना चाहती है कि वह सिलाई सीखना चाहती है। उनके पास पैसे नहीं है सिखने के लिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से रवि सेन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रवीना से हुई। रवीना यह बताना चाहती है कि वह चूड़ी और अन्य चीजें बनाती है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा गन्ने की फसल में लगने वाला पायरिल्ला कीट के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

शर्म नहीं ,सम्मान है हिंदी ही हमारा अभिमान है आज का दिन ख़ास है। आज ही के दिन यानि 14 सितम्बर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्ज़ा मिला और इसी के सम्मान में साल 1953 से प्रतिवर्ष हिंदी दिवस आधिकारिक रूप से मनाया जाता आ रहा है। हिंदी दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा का महत्व को उजागर करना और हर क्षेत्र में हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना है।