यूपी के फतेहपुर जिले में प्रधानाचार्य के उत्पीड़न से तंग आकर छात्र डीआईओएस दफ्तर में फूट-फूट कर रोने लगी और डीआईओएस से मिलने के इंतजार में बैठी रही उसका सब्र का बांध टूट गया और फिर रोते हुए बोली इसी दफ्तर में लगता है करले आत्महत्या

अधूरे बाईपास में मिट्टी की बुराई कर वाहनों का मकान शुरू कराया गया था मात्र 4 दिन में ही बाईपास दलदल में तब्दील हो गया

बारिश से भीगा क्रय केंद्रों में किसानों का हजारों कुंतल धान किसानों ने तौल न होने पर लापरवाही का लगाया आरोप पानी से बचाने को धान वापस ले जा रहे किसान फतेहपुर जिले में बीती रात करीब दो बजे से बेमौसम बरसात हो रही है जिसके कारण क्रय केंद्रों में तौल के लिए रखा किसानों का धान बारिश के पानी में भीग गया।जिले के असोथर कस्बे में मंडी समिति में धान तौल के लिए 6 क्रय केंद्र बनाए गए।जहां पर एक नवंबर से लेकर अबतक 340 कुंतल धान की सरकारी खरीद किया गया। किसान अन्नू सिंह निवासी जरौली ने आरोप लगाया कि जब करीब 150 कुंतल धान तौल के रखा है लेकिन एसएमआई ने तौल नही कराया।बारिश के कारण 40 प्रतिशत धान पानी में भीग गया। किसान मुन्नी देवी ने आरोप लगाया कि करीब 15 दिनों से धान तौल के लिए सरकारी मंडी में पड़ा है पति का पैर भी टूट गया।रात में बारिश के कारण करीब 20 कुंतल धान भीग गया है।किसानी करके हम लोग परिवार चलाते हैं जब धान ही नही खरीदा जा रहा है तो हम अपना धान बापस लेकर जा रहे है। मंडी समिति में बारिश के पानी के बीच किसान धान को सुरक्षित करने की व्यवस्था में खुद लगे रहे लेकिन विपरण विभाग या क्रय केंद्रों पर तैनात कर्मियों ने धान को बचाने की कोई व्यवस्था नही किया।जिसको लेकर किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिली है।

तेज रफ़्तार कार की टक्कर से छात्रा की मौत, ग्रामीणों ने चालक को पीटा . फतेहपुर । तेज रफ्तार कार की टक्कर से छात्रा की मौत हो गई। हादसे के बाद कार अनियंत्रित होकर खंती में जा गिरी। हादस से भड़के परिजनों और ग्रामीणों ने कार चालक को दौड़ाकर पकड़ा और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। ललौली थाना क्षेत्र के बरौहां गांव निवासी प्रभुदयाल पासवान की पुत्री आकांक्षा देवी (14) कंपोजिट विद्यालय बरौहां में कक्षा सात की छात्रा थी। वह घरेलू सामान लेने गांव में ही गुमटी पर गई थी। गाजीपुर की ओर जा रही कार छात्रा को टक्कर मारते हुए अनियंत्रित होकर खंती में चली गई। हादसा देखकर ग्रामीण दौड़कर पहुंचे। हादसे में मौके पर ही छात्रा की मौत हो चुकी थी। कार छोड़कर चालक मौके से भागने लगा। ग्रामीणों ने चालक को पकड़ लिया और पिटाई की। छात्रा की मां सुमन देवी, बड़े भाई अंकुश, छोटी बहन अंशू (8) बेहाल हो गए। पुलिस की पूछताछ में चालक दिनेश सिंह शहर के आवास विकास का रहने वाला बताया गया है। पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया है। चालक ओती गांव से शादी समारोह से गाजीपुर जा रहा था। उसने बताया कि झपकी आने की वजह से घटना हुई है। प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया हैं।

मुकदमा वापस न लेने पर विवाहिता को पीटा, तीन पर रिपोर्ट . फतेहपुर। घरेलू हिंसा का मुकदमा वापस न लेने पर ससुरालीजनों ने विवाहिता को घर में घुसकर मारापीटा। पुलिस ने पति समेत तीन ससुरालीजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना व मारपीट का मुकदमा दर्ज किया है। बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के मुगलाही निवासी स्व. सगीर अहमद की पुत्री उजाला की शादी 31 मार्च 2018 को शहर के आबूनगर नई बस्ती निवासी जीशान के साथ हुई थी। शादी के बाद से ससुरालीजन दहेज में एक लाख रुपये और प्लाट की मांग करने लगे। मांग पूरी न होने पर प्रताड़ित करते थे। वह मायके में रहने लगी। उसने घरेलू हिंसा,भरण-पोषण का मुकदमा कोर्ट में दाखिल किया। उस पर ससुरालीजन मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाने लगे। मुकदमा वापस न लेने पर ससुर वैश, सास परवीन, पति जीशान घर आए। उसे गाली गलौज कर मारापीटा। बीच बचाव में मां को पीटा। पड़ोस के लोगों के इकट्ठा होने पर जान से मारने की धमकी देकर चले गए। कोतवाल तारकेश्वर राय ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है।

युपी फतेहपुर। सर्दी ने दस्तक दे दी है। लेकिन दोआबा के सैकड़ों बच्चों को अब भी स्वेटर नसीब नहीं है। विभाग ने उन बच्चों को डीबीटी धनराशि नहीं दी है जिनके पास आधार कार्ड नहीं हैं या फिर उनके अभिभावकों के बैंक खातों से आधार सीड नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय स्कूलों के बच्चों को यूनिफार्म, जूता मोजा, बैग व स्वेटर मुहैया कराने के लिए पहले डीबीटी फीडिंग बड़ी समस्या थी। अब आधार विहीन बच्चे व अनसीडेड खाते सिरदर्द बने हैं। विभागीय समीक्षा में जनपद के सैकड़ों अभिभावकों के खाते अनसीडेड पाए गए हैं। इस स्थिति में इनके बच्चों को धनराशि का हस्तांतरण संभव न होगा। विभाग ने उन अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए की धनराशि नहीं भेजी है जिनके बैंक खातों से उनका आधार नंबर सीड नहीं है या संदिग्ध अथवा उनके पाल्य आधारविहीन हैं। शिक्षकों ने आधार सत्यापन तो कर दिया लेकिन व्यवहारिक तौर पर तमाम समस्याएं सामने आईं। नवीन नामांकन के अन्तर्गत आने वाले बच्चों में आधार सम्बन्धी अधिक दिक्कतें हैं। तमाम बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने थे।

युपी फतेहपुर, इक्कीस माह से जिला अस्पताल में चल रही डायलिसिस यूनिट में पाइप लाइन से आक्सीजन सप्लाई के इंतजाम मुक्मल नहीं हो पाए। दावे हजार हुए लेकिन डायलिसिस के लिए बाजार से सिलेंडर लाना मरीजों की मजबूरी बना हुआ है। विभाग सफाई तो देता है कि सिलेंडर के लिए मरीजों को रुपए खर्च नहीं करने पड़ते लेकिन सच्चाई इससे उलट है। साल 2020 में जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट को स्वीकृति मिली थी। दो साल लग गए यूनिट को शुरू करने में फरवरी 2022 में तत्कालीन डीएम अपूर्वा दुबे ने यूनिट शुरू कराई। अस्थाई रूप से शुरू हुई यूनिट में पहले तीन बेड की व्यवस्था थी। कुछ दिनों बाद दो बेड बढ़ गए थे। पांच बेड की यूनिट संचालित है। दस बेड की यूनिट तैयार जिला अस्पताल में दस बेड की स्थाई डायलिसिस यूनिट की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। बताया जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में यूनिट शुरू हो जाएगी, लेकिन यहां भी अभी पाइप लाइन से आक्सीजन सप्लाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि अभी पाइप लाइन की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाई है। काम शुरू होकर खत्म होने में महीनों लग सकते हैं। लंबी चलती है वेटिंग वर्तमान में डायलिसिस यूनिट में पांच बेड की ही व्यवस्था है। प्रयागराज की एक संस्था इसका संचालन कर रही है। मरीजों को पहले पंजीयन कराना पड़ता है। बेड कम और मरीज अधिक होने के चलते पंजीयन कराने के बाद मरीजों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यूनिट प्रभारी ने बताया कि नंबर आने के बाद मरीजों को फोन करके बुलाया जाता है। -डॉ. पीके सिंह, सीएमएस का कहना है कि स्थाई डायलिसिस यूनिट बनकर तैयार हो गई है। आक्सीजन पाइप लाइन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। जल्द पाइप लाइन से आक्सीजन की सप्लाई शुरू होगी।

रिश्तेदारों के नाम अनुबंधित कराई बसें   युपी फतेहपुर। निजी स्वार्थवश रोडवेज के एक कर्मचारी द्वारा निगम के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। रिश्तेदारों के नाम पर अनुबंधित कराई जाने वाली बसों का संचालन रोडवेज के परमिट वाले मार्गों पर बेरोकटोक कराकर राजस्व को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। आरोप है कि परिचालक पद के अभ्यर्थियों से उन्होंने डिमांड की थी। एक कर्मचारी ने शिकायत प्रबंध निदेशक लखनऊ से की है। रोडवेज के नियमित चालक सर्वेश कुमार यादव ने आरोप लगाया कि डिपो के वरिष्ठ लिपिक तथा पूर्व में टीआई के पद पर तैनात रहे कर्मचारी द्वारा रिश्तेदारों के नाम पर तीन निजी बसों का अनुबंध कराया गया है। पूर्व में एक बस कोट-बलवनपुर मार्ग पर संचालित होती थी। जिसे कोर्ट के आदेशों पर बंद कराया गया। वर्तमान में कानपुर मार्ग पर संचालित कराई जा रही है। वहीं निगम के परमिट वाले मार्ग चित्रकूट पर जबरन दो बसों का संचालन कराया जा रहा है। निगम की आय प्रभावित हो रही है। बताया कि बीते दिनों बसस्टाप पर ड्यूटी के दौरान उनके द्वारा निगम की बसों से यात्रियों को उतारकर अनुबंधित बसों में बैठाया जा रहा था। इस बात का विरोध किया गया तो जान से मारने की धमकी दी गई। प्रधान प्रबंधक परिवहन विभाग मुख्यालय लखनऊ मनोज कुमार का हना है कि जानकारी नहीं है यदि प्रबंध निदेशक से मामले की शिकायत की गई है तो कमेटी बनाकर जांच प्रबंध निदेशक द्वारा कराइर जा रही होगी। आरोप सिद्ध होते है तो कार्यवाही भी की जाएगी।

युपी के फतेहपुर,सृजिद पदों के सापेक्ष आधो से कम तैनाती ने लेखपालों को संकट में डाल दिया है। एक लेखपाल के पास चार क्षेत्र की जिम्मेदारी है। तीन थानों में पड़ने वाले लेखपाल के तैनाती वाले क्षेत्र में 14 ग्राम सभाओं के राजस्व कार्य को लेकर हलकान हैं। 286 अधिकारियों के आदेश पर बोझ बने लेखपालों की कमी से सिर्फ किसान या जरूरतमंद ही नहीं परेशान हैं। वर्कलोड से फील्ड पर तैनात लेखपालों की नींद उड़ी हुई है। शासन स्तर के अधिकारी से कानून-गो तक करीब 286 अधिकारियों के आ रहे आदेशों से लेखपालों के बस्ते फुल हैं। काम के दबाव में उन आदेशों के अनुपालन में लेखपाल पसीना छोड़े हैं। वहीं अफसरों द्वारा कार्रवाई की नोटिस से तंग कई लेखपाल मेडिकल पर जाने की तैयारी में हैं। 20 से 25 किमी की दूरी ने बढ़ाई परेशानी बतातें कि लेखपालों की कमी से एक लेखपाल के पास तीन से चार क्षेत्रों की जिम्मेदारी है। क्षेत्रों की दूरी 20 से 25 किमी है। इन क्षेत्रों में दो से तीन थाने पड़ते हैं। एक लेखपाल ने बताया कि बहुआ और असोथर ब्लाक के चार क्षेत्रों की जिम्मेदारी हैं, रोज सुबह टिफिन लेकर निकलते हैं। विजयीपुर ब्लाक में अनामिका सिंह के पास दस किमी की दूरी पर स्थित रारी और रामपुर हैं। अमित कुमार के पास हथगाम के भादर व सल्तानपुर घोष का कुडैंत हैं। हालत यह है कि थाना समाधान दिवस पर जाने के लिए लेखपाल को प्राथमिकता तय करना पड़ती है। *यह हैं लेखपालों की प्राथमिकता वाले काम* धान का सत्यापन, पराली पर रोकथाम, खसरा फीडिंग,आय जाति निवास प्रमाण पत्र का सत्यापन, अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान के साथ जनता दर्शन, तहसील और थाना समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण का बोझ हैं। शहरी क्षेत्र के लेखपाल वीआईपी मूवमेंट पर चकरघिन्नी बने रहते हैं। 551 लेखपालों के पद जिले में सृजित हैं 230 लेखपालों की वर्तमान में तैनाती है 32 आफिस से अटैच व कार्रवाई की जद में छुट्टी के दिन भी करते हैं काम लेखपाल संघ के प्रभारी महामंत्री नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि लेखपाल अत्यधिक वर्कलोड के कारण शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं। दिन व दिन स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं। अवकाश के दिन भी लेखपाल दफ्तरों में काम कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री का फरमान है कि अवकाश के दिन दफ्तर बंद रहेंगे। ऐसे में हालात सहज ही समझे जा सकते हैं।