युपी फतेहपुर, । निगम के अनुबंध के बावजूद लगातार तीन माह से अधिक समय से गैर हाजिर चलने वाले 17 संविदा परिचालकों की सेवाएं समाप्त कर उनकी प्रतिभूति राशि को जब्त कर लिया गया। वहीं चेकिंट टीम द्वारा एक बस में सात बेटिकट यात्री मिलने पर जांच पड़ताल कर एक संविदा चालक की सेवाएं समाप्त की गई है। सभी परिचालकों की 88 हजार की प्रतिभूति राशि को भी जब्त कर लिया गया है। बीते दिनों एआरएम विपिन कुमार अग्रवाल सहित वरिष्ठ लिपिक जेपी शुक्ला की टीम ने विभिन्न मार्गों पर बसों की जांच पड़ताल की। जिसके दौरान थरियांव क्षेत्र के बहरामपुर के समीप एक बस को निरीक्षण संकेत देकर रोका गया। जिसके बाद बसों में मौजूद यात्रियों की गणना के दौरान 30 यात्रियों के साथ एक बच्चा पाया गया। जबकि संविदा परिचालक रामकरन निवासी खेमकरनपुर बसई मजरे सातों धरमपुर द्वारा 23 फुल व एक हाफ टिकट ही बनाया गया था, वहीं सात यात्री बिना टिकट पाए गए। एआरएम ने बताया कि दो यात्री सातों से थरियांव की यात्रा करते समय व पांच यात्री सांतो से फतेहपुर की यात्रा करने वालों का टिकट नहीं बनाया गया था। जिनसे पूछताछ के दौरान चार यात्रियों द्वारा किराया भी अदा कद दिया गया था। जबकि चालक व परिचालक द्वारा बस के दाहिनी साइड लगे अगले पहिए के लेदर चिपकने पर लोड न लिए जाने की बात कहते हुए पैसा रिफंड किए जाने की संभावनाएं जताई गई थी। गई। जिस पर दूसरे चालक धर्मपाल सिंह से बस का संचालन फतेहपुर तक करीब 60 किमी की स्पीड में करवाकर देखा गया जिसमें पाया गया कि बस में किसी प्रकार की खराबी नहीं है। निगम का नुकसान करने पर संविदा चालक पर 3047 रुपये की पेनाल्टी लगाए जाने के साथ ही उसकी संविदा अनुबंध को समाप्त कर दस हजार रुपये की प्रतिभूति राशि को जब्त कर लिया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है। नदारद रहने पर इनकी भी सेवाएं समाप्त एआरएम ने बताया कि लगातार तीन माह बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर संविदा परिचालक संदीप सिंह, निलेश कुमार, अभिषेक उत्तम, संजय सिंह, रामप्रकाश शर्मा, अमरेंद्र प्रताप यादव की संविदा समाप्त की गई है। जबकि अरिवंद कुमार, मो.चांद, राकेश सिंह, रोहित कुमार, ओंकारनाथ, राघवेंद्र सिंह, आलोक मिश्रा, दिलशाद अहदम, राजबहादुर सिंह, रजनीश सिंह, रामगोपाल की संविदा समाप्त करने के साथ ही 78 हजार रुपये की प्रतिभूति राशि को भी जब्त कर लिया गया है।
फतेहपुर। मेडिकल कालेज में छह और सीनियर रेजिडेंट पहुंच गए है अभी 19 एसआर आने शेष हैं। कहा जा रहा है कि 25 सीनियर रेजिडेंट डाक्टर पहुंचने से जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। जिला अस्पताल डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जेआर के भरोसे जिला अस्पताल की ओपीडी चल रही हैं। मेडिकल कालेज में अभी एसआर जेआर के आने का सिलसिला शुरू है। डीजीएमई की कांउसलिंग के बाद अब तक छह एसआर डाक्टर पहुंच चुके हैं। अभी 19 एसआर आने शेष हैं। इसके साथ ही अब तक कालेज में 26 जेआर मौजूद हैं जो जिला अस्पताल में नियमित ओपीडी कर रहे हैं अभी 24 जेआर आने और शेष हैं। पहले चरण की प्रक्रिया 26 दिसबंर तक चलनी है। इसके बाद 27 दिसंबर को कालेज प्रशासन को रिपोर्ट देनी है।
युपी फतेहपुर, । ऑपेरशन कन्विक्शन के तहत संगीन अपराधों की केस में प्रभावी पैरवी कर सजा कराने वाले दो एडीजीसी और 11 पुलिस कर्मियों को एसपी उदयशंकर सिंह ने सम्मानित किया है। पीआरओ ने बताया कि केस में प्रभावी पैरवी कर जल्द सजा कराने में मॉनीटरिंग सेल तैनात अधिकारी व कर्मचारी थानों के पैरोकार लोक अभियोजक व विवेचक तथा सर्वाधिक तामीला व माल निस्तारण कराने में अहम योगदान दिया है। बताया कि एजीजीसी रघुराज सिंह ने एक माह में सबसे अधिक चार मुकदमों और एडीजीसी देवेश श्रीवास्तव ने पाक्सो केस के अभियुक्त को सबसे अधिक आजीवन सजा कराया है। वह कोतवाली सदर में तैनात पैरोकार संत कुमार ने सबसे अधिक छह मुकदमों में पैरवी की है। वहीं खागा कोतवाली के पैरोकार धीरेन्द्र कुमार व हुसेनगंज थाने के मुख्य आरक्षी नारायण प्रकाश गुप्ता ने सबसे अधिक तामीला कराया है। सबसे अधिक गवाही कराने में किशोर न्याय बोर्ड के एपीओ कामेश्वर प्रसाद, कोर्ट मोहर्रिर राजेन्द्र कुमार व गाजीपुर के पैरोकार रमाशंकर यादव को सम्मानित किया गया है। वहीं माल निष्तारण में बिंदकी कोतवाली के एसएसआई सत्यदेव गौतम व मुख्य आरक्षी संदीप द्विवेदी और गैर जमानतीय वारंट में सबसे अधिक गिरफ्तारी करने वाले एसआई उपदेश सिंह को सम्मानित किया गया है।
दहेज़ हत्या के मामले में दोषी पति को 10 साल कारावास की सजा . फतेहपुर। जिला न्यायालय ने दहेज हत्या के दोषी पति को 10 साल का कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बिंदकी थाना क्षेत्र में 23 साल पहले घटना हुई थी।मलवां थाना क्षेत्र के गांव हरवंशपुर निवासी बरातीलाल ने बताया कि तीन मार्च 1995 को बेटी मालती की शादी बिंदकी के गांव शाहपुर में रामलखन पुत्र बाबूराम के साथ की थी। शादी के बाद से अधिक दहेज की मांग को लेकर ससुराली बेटी को प्रताड़ित करने लगे। 10 हजार रुपये, एक सोने की अंगूठी और भैंस की मांग को लेकर ससुरालियों ने 16 मई 2000 को बेटी मालती को जहर देकर मार दिया। उन्होंने बिंदकी थाने में दामाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई न्यायाधीश अखिलेश कुमार पांडेय की अदालत में हुई। अधिवक्ता कल्पना पांडेय ने बताया कि अदालत में पांच गवाह पेश कर हत्या की पुष्टि कर दी गई। अदालत ने मृतका के पति रामलखन को दहेज हत्या का दोषी पाते हुए 10 साल कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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