अमौली/फतेहपुर सरकार द्वारा गौवंशों को संरक्षित रखने के लिए प्रत्येक जिले में गौशालाओं का निर्माण उनके खान पान की व्यवस्था के लिए शासन द्वारा करोड़ों का बजट भी अवमुक्त किया जा रहा है।लेकिन जिम्मेदारो की मनमानी व खाऊ कमाऊ नितियों के चलते गौवंशों के खान पान की व्यवस्था के लिए अवमुक्त बजट का आपस में बंदर बाट कर कागजी आकड़ो तक सीमित कर दिया जाता है।जिससे गौवंशों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।गौशाला में कैद मवेशी भूख और ठण्ड से तड़प रहे है।ऐसा ही एक मामला अमौली विकास खण्ड के बुढ़वा ग्राम पंचायत गौशाला का प्रकाश में आया है।जहाँ मवेशियों को हाड़ कपाती ठण्ड से सुरक्षित रखने के लिए न तो कोई समुचित व्यवस्था है।और ना ही खाने के लिए हरे चारे के लिए पर्याप्त व्यवस्था है।जिसकी वजह से गो वंश भूख से व्याकुल होकर कंकाल में तब्दील हो रहे है। इसके बावजूद भी जिम्मेदारो के कानों में गौशाला में व्याप्त अनियमितताओ को दूर करने के लिए कानों में जू नही रेंगी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया गौवंशों की समुचित व्यवस्था न करके केवल कागजों में पेट भरा दिखाकर अवमुक्त बजट का केवल बंदरबाट किया जा रहा है। जिन्होंने गोवंशों की जिम्मेदारों द्वारा सही से देख रेख न कराये जाने का आरोप भी लगाया है।ग्रामीणों ने गोवंशों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ग्राम प्रधान व सचिव समेत विकास खण्ड अधिकारियों को भी दोषी ठहराते हुए उनकी कथनी करनी में बड़ा फर्क बताया है। इस बावत खण्ड विकास अधिकारी विपुल विक्रम सिंह ने बताया प्रत्येक गोवंश के लिए पच्चास रुपए सरकार से खान पान के लिए आते है।और ठण्ड से बचाव के लिए गोशालाओं में अलाव की व्यवस्था की गयी है जिसकी फ़ोटो प्रतिदिन हमारे पास आती है।