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जिला अस्पताल में व्यवस्था का आलम यह है कि मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है। एक्सरे विभाग के गेट के सामने 2 घंटे तक स्ट्रेचर और 3 घंटे लाठी के सहारे बुजुर्ग मरीज के खड़े रहने पर जांच हो सकी।

सिकंदरपुर बस स्टेशन चौराहे के समीप पिछले कई दिनों से नगर पंचायत के कर्मचारियों के द्वारा भी सड़क पर पूरा फेंक कर जला दिया जाता है, जिसको लेकर लोगों ने विरोध किया है।

बलिया जिले के मनिहार ब्लॉक क्षेत्र में एक ही समस्या हमेशा छाई हुई है घाघरा नदी की कटान से लोग पीड़ित हैं

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बलिया जिला अस्पताल में स्थिति यह है कि रोगियों को उचित उपचार नहीं मिल रहा है , सरे विभाग के गेट के सामने दो घंटे के लिए एक स्ट्रेचर और तीन घंटे के लिए एक लाठी के साथ । बुजुर्ग रोगियों की खड़े होकर जांच की जा सकती है । घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ता है । लाखों की आबादी के बीच जिला अस्पताल में प्रतिदिन पंद्रह सौ से दो हजार रोगियों का इलाज किया जाता है । जिला अस्पताल प्रशासन इन रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के बड़े - बड़े दावे करता है , लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बताती है । ऐसा है कि ज्यादातर डॉक्टर समय पर ओ . पी . डी . नहीं पहुंचते हैं , जिससे हर जगह अफरातफरी मच गई है ।