बलिया जिले के आठ ब्लाकों में किसान कल्याण केंद्र बनाने की कावड़ आयत तेज हो गई है।
यूडायस पोर्टल पर छात्र डाटा अपडेट नहीं कर रहे हैं विद्यालय
घर पर सोलर पैनल लगाने पर सरकार देगी सब्सिडी
बलिया जिले की सड़कों पर बिना रजिस्ट्रेशन के ही ई रिक्शा वाहन सड़कों पर सवारियां ढो रहे हैं।
किसने की मदद के लिए यूपी सरकार ने विपणन अधिकारियों की भर्ती निकली है।
यूपी बोर्ड में आज विज्ञान का पेपर
अच्छी धूप खिलने से फसलों को है लाभदायक
रजिस्टर अद्यतन संबंधित खामियां मिलने पर राजस्व लिपिक और अविवादित लंबित वादों की संख्या अधिक मिलने पर कार्यालय नायब तहसीलदार के पेशकार को स्पष्टीकरण और विभागीय कार्रवाई के निर्देश। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार बुधवार को वार्षिक निरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत तहसील बलिया सदर का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, एवं रजिस्ट्रार कानूनगो, न्यायिक कार्यालय, राजस्व और संग्रह अभिलेखागार का निरीक्षण किया।जिलाधिकारी सबसे पहले उपजिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर पेशकार से मांगकर धारा 107, 116 की पत्रावलियों की जांच की। पत्रावलियों में ऑर्डर सीट नहीं बनाने के कारण उन्होंने नाराजगी व्यक्त किया और सभी पत्रावलियों के प्रॉपर तरीके से ऑर्डर शीट बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने 6 महीने से ज्यादा समय से लंबित वादों की फाइलों को भी देखा। कार्यालय नायब तहसीलदार के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने 35 दिनों से कम समय के अविवादित लंबित मामलों की संख्या अधिक पाए जाने और ऐसे मामलों का निस्तारण में सहयोग न करने पर पेशकार(राजस्व निरीक्षक) को स्पष्टीकरण देने और विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही अभियान चलाकर एक सप्ताह के अंदर ऐसे मामलों को निस्तारित करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। राजस्व लिपिक के कार्यालय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने 20 तारीख के बाद के मामले रजिस्टर में दर्ज न करने और रजिस्टर(जांच आख्या,वारिस जांच आख्या,पंजिका वारिस प्रमाण पत्र, सामान्य डाक पंजिका, सहित अन्य रजिस्टर) अद्यतन ना होने पर राजस्व लिपिक पर विभागीय कार्रवाई और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।साथ ही स्थिति न सुधरने पर सस्पेंड करने की चेतावनी दी। उन्होंने रजिस्टर में दर्ज वादों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए उप जिलाधिकारी और तहसीलदार को निर्देशित किया।तहसीलदार कार्यालय के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने नाजिर से एक से नौ नंबर तक रजिस्टर दिखाने को कहा। रजिस्टर नंबर चार में आवंटित धनराशि और यह धनराशि किस किस मद में है, इसका विवरण रजिस्टर मेंटेन ना होने पर तहसीलदार को एक सप्ताह के अंदर पैसे के मामले को निस्तारित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने राजस्व अभिलेखागार के अभिलेखों को सुव्यवस्थित तरीके से संरक्षित करने का निर्देश दिया। रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने खसरा, खतौनी सहित अन्य पत्रावलियों के विवरण को अद्यतन करने का निर्देश दिया।जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार के न्यायिक कोर्ट का भी निरीक्षण कर पुराने केसों की फाइलों का अवलोकन किया तथा उनके शीघ्रता से निस्तारण सुनिश्चित करने तथा केसों की पेंडेंसी खत्म करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम बलिया सदर आत्रेय मिश्रा सहित तहसील के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार और एसपी देव रंजन वर्मा ने बुधवार की दोपहर संयुक्त रूप से जिला कारागार का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभारी कारागार अधीक्षक से जेल की व्यवस्था के बाबत पूछताछ की और आवश्यक दिशा निर्देश दिया। कहा कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही यहां की पूरी व्यवस्था संचालित होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कारागार के बैरक में रहने वाले कैदियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। कुछ कैदियों ने अपनी समस्या भी सुनाई, जिसका तत्काल समाधान करने का निर्देश कारागार अधीक्षक को दिए गए। इसके बाद जेल अस्पताल में गए और वहां उपलब्ध दवा आदि के बारे में विस्तृत जानकारी ली। किचन में जाकर कैदियों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को परखा कि जेल में कैदियों को सही भोजन व नास्ता मिल रहा है कि नहीं। हवालात कार्यालय में जाकर अभिलेखों की जांच की। महिला बैरक में जाकर उनसे बातचीत कर आश्वस्त हुए कि उनकी कोई समस्या तो नहीं है। डीएम व एसपी ने कारागार अधीक्षक को निर्देश दिया कि यहां की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएं।
नगर पंचायत नगरा आम लोगों की समस्या दूर करने में विफल साबित हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण नगर का वार्ड नंबर तीन है, जहां नाली का पानी लोगों के आंगन में जमा हो रहा है।
