Transcript Unavailable.

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर और जीतें आकर्षक इनाम।

हर्षलता गृहिणी होने के साथ ही मास्टर एथलेटिक्स बन कर महिला युवतियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है

महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव मंदिर में हर-हर बम बम के जयकारे गुजे टीकरमाफी आश्रम में द्वादश ज्योतिर्लिंग तथा बाबा मुकुटनाथ धाम जगेशरन महादेवन सहित पौराणिक स्थलों के मंदिर में रुद्राभिषेक जला अभिषेक करने वालों की लंबी लाइन लगी रही

वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई एवार्ड से सम्मानित डॉ फूलकली अमेठी सहित सम्पूर्ण देश के लिए गौरव का विषय है कि डॉ फूलकली पूनम प्रधानाचार्या राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी, अमेठी, प्रख्यात शायरा, कवयित्री और कहानीकार को .08 मार्च 2024 को केशव माधव ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा सम्मानित किया गया , डॉ फूलकली ने शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किया है वह अपने आप में स्वयं कयी गौरवगाथा समाहित किये हुए है, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी में प्रवक्ता पदभार ग्रहण करते ही उन्हें यह महसूस हो गया था कि इस जर्जर व्यवस्था को सुधारना उनका महत्वपूर्ण शासकीय दायित्व है,जब उन्होंने विद्यालय में छात्र हित और विद्यालय हित में सुधार करने प्रारंभ किये तो लगभग विद्यालयी विरोध और समाज के अराजकतत्वों से एक लम्बी लड़ाई लड़नी पड़ी, लेकिन कहते हैं कि संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता, डॉ फूलकली ने ठान लिया था कि विद्यालयी व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े तो कुबूल है लेकिन शासकीय दायित्वों से प्रमाद स्वीकार नहीं है, उनके इस हाड़तोड़ संघर्ष को देखकर प्रारंभ में ऐसा प्रतीत होता था कि यह कार्य उनके लिए असम्भव है लेकिन देखते ही देखते विद्यालयी उन्नयन में वे कालजयी इबारत लिखती गयीं और आज जब हम सभी पीछे मुड़कर देखते हैं तो जैसे यह भागीरथ प्रयत्न कल का ही प्रतीत होता है।पिछले 23 वर्षों में डा. फूलकली ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अमेठी पर अपनी ऐसी अमिट छाप छोड़ी है कि यह विद्यालय उनके नाम से ही परिभाषित होने लगा। अभिभावकों ने उनके प्रत्येक कार्य पर पूर्ण भरोसा दिखाया और साथ ही जब भी उन्हें आवश्यकता पड़ी उनके साथ प्रमुख सहयोगी की भूमिका में खड़े रहे। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिभा का लोहा सम्पूर्ण समाज को मनवाकर डॉ फूलकली ने यह सिद्ध कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाले को ही दुनिया असाधारण कहती है शेष तो सभी मनुष्यों की वाह्य संरचना एक जैसी ही प्रतीत होती है। एक विपन्नावस्था वाले परिवार में जन्म लेकर अपनी शक्ति सामर्थ्य से वह कर दिखाया जो कुलीन और आर्थिक रूप से अत्यधिक सशक्त लोगों के लिए सम्भव नहीं हो पाता। आज उनका व्यक्तित्व हर व्यक्ति के लिए ऊर्जा का अक्षय स्रोत बना हुआ है जो भी उनके सानिध्य में आता है उनके व्यक्तित्व का कायल हो जाता है। सबसे बड़ी बात विद्यालय की हर छात्रा उनके नेतृत्व में अपना स्वर्णिम भविष्य देखती है। उनका बहुआयामी व्यक्तित्व सिर्फ शिक्षा क्षेत्र का ही होकर नहीं रहा बल्कि साहित्य, क्रीड़ा, स्काउट गाइड,नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण, लैंगिक समानता,कोबिड19 एवं अन्य अनेकों सामाजिक गतिविधियों में भी अपनी आभा बिखेर रहा है। गीत और ग़ज़लों के क्षेत्र में भी आगे है लगभग 3500 ग़ज़लों और 500 गीतों के द्वारा साहित्यिक क्षेत्र को वह ऊंँचाई प्रदान किया है जहांँ से आने वाली पीढ़ियांँ शीर्षस्थ होकर साहित्य का रसास्वादन करेंगी और आगे की पीढ़ियों में भी स्थानांतरित करती रहेंगी,जब साहित्य आम जनमानस के मनोभावों में ढल जाता है ।हम समस्त अमेठी वासियों की शुभकामना है कि डॉ फूलकली ऐसे ही सफलता के सोपानों पर चढ़कर राष्ट्रहित में अपना योगदान देती रहें साथ ही राष्ट्र की श्रेष्ठ ललनाओं की अग्रिम पंक्ति में आसीन रहें।

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

नारी तू अबला नहीं ,स्वयं शक्ति पहचान। अपने हक को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान।। महिलाएं समाज का एक अहम् हिस्सा है लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाएं आज राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे रही है। हर साल 8 मार्च के दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद महिला सशक्तिकरण की तरफ एक कदम है. यह दिन दुनिया भर में महिलाओं के त्याग ,साहस और सम्मान को समर्पित दिन होता है। हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है साल 2024 में इस दिन को 'इंस्पायर इन्क्लूज़न ' थीम के साथ मनाया जा रहा है जिसका मतलब है "एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले" दोस्तों हम सभी अपने आस पास की उन सभी महिलाओं की शक्ति जो की अविश्वसनीय है उसे सलाम करें और उनके हौसले को बुलंद करें । आप सभी को मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा द्वारा ग्राम बेचूगढ़ झारखंडी में बृहस्पतिवार को प्राकृतिक खेती विषयक दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए आयोजित इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिन के मुख्य अतिथि जनपद के उप कृषि निदेशक रविकांत सिंह ने किसानों को बताया कि आज की सबसे बड़ी जरूरत है कि हम अपनी पुरानी गौ आधारित प्राकृतिक कृषि पद्धति को पुनः अपनाएं जिससे कम लागत में विषमुक्त अनाज उत्पादित कर अपना स्वास्थ्य बनाए रख सकें।