आवारा गोवंश फसलों को नष्ट कर रहे हैं। परेशान होकर ग्रामीणों ने उन्हें घेरकर प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। ग्रामीणों की मांग है कि गोवंशों को गोवंश आश्रय स्थल भेजा जाए। क्षेत्र में आवारा गोवंश किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। वह फसलों को नष्ट कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों पर हमला करके घायल कर देते हैं। बृहस्पतिवार को महरेपुर के गुस्साए ग्रामीणों ने आवारा गोवंशों को खदेड़कर गांव के प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।

Transcript Unavailable.

भूसा खरीद में भुगतान व बिल संबंधी अनियमितताएं मिली थी

भारतीय यूनियन के पदाधिकारीओ ने जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर गोवंशों को संरक्षित किए जाने की मांग की

जिले की विकास खंड टड़ियावां क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में बनी गौशालाओं की अव्यवस्थाओं के चलते किसान रात - रात भर जाग कर खेतों की रखवाली करते हैं, और खेतों से पशुओं को खदेड़ने में किसानों की पूरी रात रतजगा कर जागते हुए गुजर जाती हैं।

चारा पानी की अव्यवस्थाओं के चलते गौपशुओं की हो रही मौत। गौपशुओ की सुरक्षा एवं स्वास्थ का हवाला देकर गौशाला प्रवेश में बाहरी लोगों पर रोक। हरदोई। गौशालाओं के बाहर गोवंशों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए बाहरी लोगों की इंट्री पर रोक लगा दी गई है। वैसे कहा जा रहा है कि बाहरी लोगों की जो बात कही गई है, उसमें मीडियाकर्मियों को शामिल किया गया है। बतातें चलें अभी चंद दिन पहले ही टडियावां ब्लॉक की ग्राम पंचायत कोटरा बौठा में गौशाला का शुभारंभ हुआ था, वहां गोवंशों के लिए चारे-पानी का कोई सही बंदोबस्त नहीं किया गया, नतीजतन यहां कई गौवंशो ने भूख-प्यास से तड़पते हुए दम तोड़ दिया है। उसे ले कर मीडिया ने गौशाला के ज़िम्मेदारों की नाकामी को बंया करते हुए गोवंश की मौत को लेकर अपनी सुर्खियां बनाया, उसी के बाद से अब गौशालाओं के बाहर एसडीएम एवं पशु चिकित्सा अधिकारी के हवाले से लिखा दिया गया है कि गोवंशों की सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए लिखा गया गया है कि किसी बाहरी (संगठन या संस्था) को एसडीएम या पशु चिकित्साधिकारी की परमीशन के बगैर इंट्री नहीं है। इतना ही नहीं अगर फिर भी गौशाला में कदम रखने की कोशिश की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि गौशालाओं की नाकामी पर पर्दा डालने के लिए बाहरी लोगों की आड़ ले कर इन्डाईरेक्ट तौर पर मीडिया को वहां जाने से रोका गया है। मतलब साफ है कि गोवंशों के नाम पर जो खेल खेला जा रहा है, उसे बेरोक टोक स्थानीय जिम्मेदारों द्वारा खेला जाता रहे। हालांकि मामले में बीडीओ टड़ियावां नरोत्तम कुमार ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की बात कहीं है।

अन्ना जानवर किसानों के लिए आफत बने हुए हैं फसलों की सुरक्षा के लिए किसान रात में हाथ में टॉर्च लाठी करने को चौकीदारी करने को मजबूर हैं

बेसहारा पशुओं से परेशान किसानों को आम चुनाव से पहले राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन पूरी दमखम के साथ जुट गया है

भूसा खरीद अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट जल्द आपको बताते चलें कि जिले में पशुपालन विभाग के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान गो आश्रय स्थलों में आवारा जानवरों के लिए भूसा खरीद में गंभीर अनियमितताओं को देखा गया था

अन्ना जानवरों से खेतों में बड़ी गेहूं की फसल को बचाने के लिए कर रात भर किस जागता है रात भर जागने के लिए किसानों को विवश होना पड़ रहा है किसान खेतों में मंचन बनाकर रखवाली कर रहे ताकि मैं वैसी उनकी फसल ना चैट कर जाए सरकार जहां करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी गौशालाओं का निर्माण कराया था जहां पूछे पर हर वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन मवेशियों तब भी किसानों के खेतों और सड़कों पर देखे जा सकते हैं हालात यह है कि श्यामपुर के खेतों में किस रात को फसल की रखवाली कर रहे हैं ,जब किसान सुरेंद्र कुमार नरेंद्र कुमार सरोज कुमार से पूछा तो उनका कहना था अन्ना जानवरों के चलते मजबूरी में फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है ऐसे में दर्जनों मवेशी के साथ जरा सी देर में फसल को चैट कर जाते हैं इसको लेकर किसान बहुत परेशान है।