"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा बदलते मौसम में पशुओं की विशेष देखभाल और इस समय होने वाले पशुओं में विभिन्न रोगों की जानकारी दे रहें हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
दोस्तों, प्रधानमंत्री के पद पर बैठे , किसी भी व्यक्ति से कम से कम इतनी उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि उस पद पर बैठने वाला व्यक्ति पद की गरिमा को बनाए रखेगा। लेकिन कल के भाषण में प्रधानमंत्री ने उसका भी ख्याल नहीं रखा, सबसे बड़ी बात देश के पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ खुले मंच से झूठ बोला। लोकतंत्र में आलोचना सर्वोपरि है वो फिर चाहे काम की हो या व्यक्ति की, सवाल उठता है कि आलोचना करने के लिए झूठ बोलना आवश्यक है क्या? दोस्तों आप प्रधानमंत्री के बयान पर क्या सोचते हैं, क्या आप इस तरह के बयानों से सहमत हैं या असहमत, क्या आपको भी लगता है कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना अनिवार्य है, या फिर आप भी मानते हैं कि कम से कम एक मर्यादा बनाकर रखी जानी चाहिए चाहे चुनाव जीतें या हारें। चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर आप क्या सोचते हैं। अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाइलवाणी पर।
जिस तरह एक देश का विकास ज़रूरी है, उसी तरह प्रकृति भी हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रकृति को काफी क्षति पहुंची है।आज के समय वैश्विक ताप वृद्धि, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण जैसी कई बड़ी समस्याएं हमारे समक्ष खड़ी हैं। लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फ़ैलाने और धरती संरक्षण को लेकर प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर वर्ष 22 अप्रेल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1970 में हुई थी।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के मौसम में धनिया की खेती कैसे करनी चाहिए,इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा पपीता के फसल में वृक्ष रोपण के छह महीने बाद प्रति पौधा उर्वरक देना चाहिए की जानकारी दे रहें हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।
आइये जानते है अलग अलग कीड़ों के बारे में |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
सीखना है बहुत ज़रूरी, और बच्चे सबसे जल्दी चीज़ें सीखते है | इसीलिए उनके आसपास का माहौल अच्छा होना चाहिए | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कहाँ से और किस तरह से बच्चे एक दुसरे से सीखते है |