उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि लिंग के आधार पर घर, समाज दोनों जगहों पर शोषण, अपमान और भेदभाव करना लैंगिक असमानता कहलाता हैं, जो 21 वीं सदी में भी भारतीय समाज में गहराई तक फैला हुआ हैं । हाई सोसायटी में अब लैंगिक असमानता काफी हद तक दम तोड़ती नजर आ रही हैं। लेकिन समाज का एक बड़ा तबका अभी भी लैंगिक असमानता की जद में हैं। लैंगिक असमानता को मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के हरदोई में लोगों को सबसे पहले लिंग के आधार पर भेदभाव को खत्म करना होगा, और इसके लिए लोगों को अपने घर से ही पहल करनी होगी । लड़के और लड़की को एक नजर से देखना होगा । दोनों को बराबर महत्व देना होगा । लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर जोर देना होगा, और इस अभियान से हर एक व्यक्ति और परिवार को अनिवार्य रूप से जोड़ना होगा। समाज में मिशन शक्ति और महिला सशक्तिकरण को लेकर भी जागरूकता फैलानी होगी । तभी लैंगिक समानता भारतीय समाज का हिस्सा बन सकती है। हालांकि उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर कई ऐसी योजनाएं चल रही है, जिससे लैंगिक असमानता की दर में कमी आ रही है। हरदोई जनपद की अगर बात की जाए तो यहां लैंगिक असमानता को खत्म करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सुरक्षा और रोजगार जैसे सही कारणों का समर्थन करना होगा ।