गोरखपुर जिले को मिले 17 होम्योपैथी आयुष्मान आरोग्य मंदिर। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुनील धन्यवादअधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

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पाम पैराडाइस पुलिस चौकी का हुआ उद्घाटन। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

इसी वर्ष के अंत तक पूरा हो जाएगा राम मंदिर के तीनों तलों का निर्माण काम एक बार पुनः प्रारंभ हो गया है। राम मंदिर के तीनों तलों का निर्माण इसी वर्ष 2024 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के द्वारा इसी लक्ष्य के अनुरूप कामगारों की संख्या बढ़ाकर अब पांच हजार करने जा रही है। ऐ कामगार राजस्थान, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के कई जिलों के होंगे। हम सभी जानते हैं कि राम मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर 2023 में ही पूरा हो गया था। मंदिर के परकोटे में इन दिनों छह अन्य मंदिरों का निर्माण भी किया जा रहा है, जबकि परकोटे के बाहर वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य के साथ निषादराज एवं अहिल्या का मंदिर निर्मित किया जाना है। मिली जानकारी तथा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र के अनुसार दिसंबर 2024 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है और उसी के अनुरूप तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलते बाधित निर्माण कार्य एक बार पुनः प्रारंभ हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पूरी दुनियां की महिलाओं द्वारा महिला हितों की रक्षा और उनके समानता के अधिकारों की सुरक्षा के लिए मनाया जाने वाला अति विशिष्ट पर्व है। इसे दुनियां भर में महिलाओं के द्वारा एक जश्न के रूप में मनाया जाता है। 1910 में क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस या महिला दिवस, कामगारों के आंदोलन से निकला था,जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी। इस दिन को ख़ास बनाने की शुरुआत आज से 115 बरस पहले यानी 1908 में तब हुई, जब क़रीब पंद्रह हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली। उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों। तनख़्वाह अच्छी मिले और महिलाओं को वोट डालने का हक़ भी मिले। एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का एलान किया। इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का ख़याल सबसे पहले क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला के ज़हन में आया था। क्लारा एक वामपंथी कार्यकर्ता थीं। वो महिलाओं के हक़ के लिए आवाज़ उठाती थीं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव, 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था। उस सम्मेलन में 17 देशों से आई 100 महिलाएं शामिल थीं और वो एकमत से क्लारा के इस सुझाव पर सहमत हो गईं। पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में सिर्फ ऑस्ट्रिया,डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया। इसका शताब्दी समारोह 2011 में मनाया गया। तकनीकी रूप से इस साल हम 112वां अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में उस वक़्त मिली,जब संयुक्त राष्ट्र ने भी इसे मनाना शुरू कर दिया। जामुनी, हरा और सफ़ेद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं। जामुनी रंग इंसाफ़ और सम्मान का प्रतीक है हरा रंग उम्मीद जगाने वाला है, तो वहीं सफ़ेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना गया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान महिलाओं की स्थिति में सुधार भी आया है। दस साल के संघर्ष के बाद नवंबर 2022 में यूरोपीय संसद ने एक क़ानून पारित किया। इससे वर्ष 2026 तक बाज़ार में सार्वजनिक कारोबार करने वाली कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की अधिक नुमाइंदगी सुनिश्चित हो सकेगी उनका प्रतिनिधित्व और अधिक बढ़ेगा। इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम इंस्पायर इंक्लूजन रखा गया है।जिसका अर्थ है "प्रेरक समावेशन" प्रेरक का अर्थ होता है लक्ष्य प्राप्ति तक तीव्र क्रियाशील बने रहने का संदेश देना। वहीं समावेशन का अर्थ होगा की किसी की क्षमताओं, विशेषताओं या भिन्नताओं की परवाह किए बिना,समाज के सभी पहलुओं में पूर्ण और सक्रिय रूप से भाग लेने का अधिकार देना होता है।

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बन संवर कर तैयार झारखंडेश्वर महादेव,को विवाह से पहले शुभ हल्दी लगई गई। विवाह से पहले मंगलगीत गाते हुए माताओं ने हल्दी लगाई। क्षेत्रीय विधायक ने किया रस्म का शुभारंभ। खजनी गोरखपुर।। भगवान शिव की पूजा उपासना और लोक आस्था का महापर्व महाशिवरात्रि को भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह पर्व के रूप में मनाया जाता है। श्रद्धालु शिव भक्तों के लिए अवढ़र दानी भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के अवसर पर शिव बारात निकालने और शिवालयों पर भव्य मेले का आयोजन करने तथा मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। सनातन धर्म संस्कृति में विवाह से पहले वर वधू को हल्दी लगाने की रस्म निभाई जाती है। इसे शुभ और कल्याणकारी माना गया है। आज नगर पंचायत उनवल के टेकवार चौराहे के समीप स्थित झारखंडेश्वर महादेव शिव मंदिर में पीले वस्त्रों में सुसज्जित माताओं बहनों ने मंगलगीत गाते हुए श्रद्धा पूर्वक शिवलिंग पर हल्दी का लेप लगाते हुए आकर्षक साज सज्जा की,सज धज कर तैयार हुए महादेव का दर्शन करने श्रद्धालु शिव भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान पहुंचे क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला ने सबसे पहले भगवान शिव को हल्दी लगाते हुए रस्म का शुभारंभ किया। इस अवसर पर माता पार्वती को भी हल्दी लगाई गई और उन्हें श्रद्धा पूर्वक वस्त्राभूषणों से सुसज्जित किया गया। भाव विभोर श्रद्धालु शिव भक्तों ने हर हर महादेव,बोल बम, ऊं नमः शिवाय का जयघोष किया। श्रद्धालु शिव भक्तों के गगनभेदी जयघोष से परिसर का वातावरण भक्तिमय हो गया। बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व पर अर्द्धरात्रि के बाद से ही शिव भक्तों के द्वारा जलाभिषेक,रूद्राभिषेक और पूजा अर्चना का आयोजन शुरू हो जाता है। इस अवसर पर स्थानीय लोगों में संतोष राम त्रिपाठी,दीपक दुबे, मोखन मास्टर,अजय गिरी,मृत्युंजय पांडेय,अवधेश मद्धेशिया,शुभम त्रिपाठी, टिंकू सिंह, विकास त्रिपाठी,छोटू गिरी,राहुल मद्धेशिया, निखिल, शुभम मद्धेशिया,देवेंद्र यादव,विनय निगम,झारखंडेश्वर सदस्यों सहित सफाई नायक भरत कुमार, सुशील कुमार सहित सभी नगर पंचायत उनवल के सफाई कर्मचारी उपस्थित रहे।

देश की राजनीति और चुनावों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था एडीआर के अनुसार लगभग 40 फीसदी मौजूदा सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 25 फीसदी ने उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा अपने शपथ पत्र में की है। सांसदों के आपराधिक रिकॉर्ड का विश्लेषण उनके ही द्वारा दायर किये शपथ पत्रों के आधार पर किया गया है। अगर संख्या के आधार पर देखा जाए तो मोजूदा संख्या 763 लोकसभा और राज्यसभा) में से 306 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 194 पर गंभीर आपराधिक मामले हैं जिसमें हत्या, लूट और रेप जैसे गंभीर मामले हैं। जिनमें अधिकतम सजा का प्रावधान किया गया है।

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

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