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आंखों का समय से पहले कमजोर होना आज के समय में काफी आम हो गया है। आजकल छोटी उम्र से ही नजर का चश्मा लग जाता है। आज के समय में जहां स्क्रीन का उपयोग ज्यादा हो गया है, वहीं आंखों की समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। इसलिए प्राकृतिक तरीकों से आंखों की रोशनी सुधारना एक हेल्दी और फायदेमंद उपाय है। दूध, जो कि पोषण से भरपूर होता है, उसमें कुछ प्राकृतिक तत्व मिलाकर आप अपनी आंखों की रोशनी में सुधार ला सकते हैं। ऐ सभी आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू कारगर उपाय हैं। इसे आसानी से आजमाया जा सकता है। अगर आप कमजोर आंखों की रोशनी से जूझ रहे हैं तो दूध में कुछ चीज मिलाकर रोज इसका सेवन करने से आंखों की रोशनी को तेज किया जा सकता है। बहुत से लोग हैं जो नजर का चश्मा हटाने के उपाय तलाशते रहते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे बता रहे हैं जो कुछ ही दिनों में आप की कमजोर आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि दूध में क्या मिलाया जा सकता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने का कारगर घरेलू उपाय पहले नंबर पर प्राकृतिक गुणों से भरपूर केसर है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और बहुत अधिक लाइफ इंप्रूविंग प्रोपर्टीज तथा एलिमेंट होते हैं जो आंखों की रोशनी को बढ़ावा देने में बहुत ही सहायक और कारगर होते हैं। एक गिलास गर्म दूध में कुछ केसर के धागे मिलाएं और रोजाना पीएं। ये आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद करेगा। दूसरा है बादाम जो कि विटामिन ई का एक बेहतरीन स्रोत है, यह आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है। बादाम को रात भर पानी में भिगोकर रखें, सुबह उन्हें पीस लें और इस पेस्ट को दूध में मिलाकर पीएं। ये नुस्खा आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है। तीसरी चीज है गाजर जिसमें भरपूर विटामिन ए और बीटा-कैरोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है, जो आंखों की रोशनी के लिए बहुत जरूरी हैं। गाजर का रस निकालें और इसे गर्म दूध के साथ मिलाकर पीएं। ये घरेलू उपाय भी आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करेगा। चौथा है शहद इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। एक चमच शहद को दूध में मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी बेहतर हो सकती है। रोज इस अपने रूटीन में शामिल करने पर फोकस करें। पांचवां है तुलसी इसकी पत्तियां कमजोर आंखों की रोशनी को सुधारने में मदद कर सकती हैं। कुछ तुलसी की पत्तियों को दूध में उबालें और इसे गर्म-गर्म पीएं।
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नीलकंठ महादेव मंदिर विकास कार्य का विधायक ने शिलान्यास किया। मंदिर विकास और सुंदरीकरण के लिए 1 करोड़ 79 लाख पर्यटन विभाग से स्वीकृत हुए। खजनी गोरखपुर।। क्षेत्रीय विधायक श्रीराम चौहान ने आज अपराह्न मुख्य अतिथि के रूप में नीलकंठ महादेव मंदिर विकास एवं सुंदरीकरण के कार्य का वैदिक मंत्रों के साथ शिलान्यास पूजन किया और शिलापट्ट का अनावरण किया। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा क्षेत्र के सरयां तिवारी गांव में स्थित ऐतिहासिक नीलकंठ महादेव शिव मंदिर के विकास और सुंदरीकरण के लिए 1 करोड़ 79 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। विधायक श्रीराम चौहान ने कहा कि पुरानी सरकार कब्रों की रखवाली के लिए चारदीवारी बनाती थी,कि कहीं मुर्दे क़ब्र से निकल कर भाग न जाएं। आज प्रदेश की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में विश्वनाथ कारीडोर वाराणसी श्रीराम मंदिर का भव्य निर्माण विंध्याचल में माता विंध्यवासिनी देवी मंदिर का सुंदरीकरण सहित अन्य धार्मिक स्थलों के विकास और पर्यटन के असीम क्षेत्र को विश्व पटल पर लाने के अभियान में जुटी हुई है। कार्यक्रम का संचालन बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी ने किया तथा भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि धरणीधर राम त्रिपाठी एडवोकेट ने सजल नेत्रों से सभी अतिथियों का माल्यार्पण अभिनंदन एवं आभार ज्ञापित किया। उत्साहित ग्राम वासियों ने मंदिर परिसर के सुंदरीकरण के लिए योगी आदित्यनाथ एवं विधायक के नाम का जयघोष किया और हर्ष जताया। इस अवसर पर पर्यटन विभाग की जेई दीपशिखा,पंडित अतुल राम त्रिपाठी, ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, बागेश्वर राम त्रिपाठी,गजेंद्र राम त्रिपाठी,रामवृक्ष सिंह,अर्जुन राम त्रिपाठी,राम अशीष बेलदार, बृजेन्द्र तिवारी उर्फ भोलू,प्रभात दूबे उर्फ गोलू,पशुपति नाथ त्रिपाठी, नागेंद्र तिवारी समेत दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता और ग्राम वासी उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की संसद में अपराधीकरण पहले भी था और अभी भी है। राजनेता अपराधियों को उनकी सुरक्षा के लिए रखते थे क्योंकि वे उनके पास हैं । जितने अधिक अपराधी होंगे , उनकी शक्ति उतनी ही अधिक होगी और वे लोगों को डराकर वोट हासिल करेंगे ।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारी महिलाएं न तो पहले के युग में स्वतंत्र थीं और न ही वर्तमान युग में स्वतंत्र हैं । एक समय था जब महिलाएं अपने दम पर कुछ भी नहीं कर सकती थीं , उसके अनुसार आज कुछ बदलाव आया है क्योंकि महिलाओं पर उतने प्रतिबंध नहीं हैं जितना आप सभी जानते हैं । नौकरी हो या पेशा , हर क्षेत्र में आने वाली हमारी महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं । वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं , लेकिन यह कहा गया है कि महिलाओं के लिए , समय कभी नहीं बदलता है कि आप क्या सोचते हैं कि आपके बेटे रात के 12 बजे कहीं जाना चाहते हैं , लेकिन आप बेटियों को वहां नहीं भेजेंगे क्योंकि आप जानते हैं कि हम बाहर ऐसे जंगली हैं जो हमेशा हमारी बेटियों को नुकसान पहुँचाने की तलाश में रहते हैं । आप रात में बारात नहीं भेज सकते , लेकिन अगर आप बच्चों को पढ़ने , घूमने , पार्टी करने के लिए बाहर भेज रहे हैं , तो आप भेजेंगे । कोई भी काम करने से पहले परिवार के माता - पिता , फिर ससुराल वालों , फिर समाज की देखभाल करें और अगर वह स्वेच्छा से कुछ करती है तो उसे आगे बढ़ना होगा । आपको इतने सारे खिताब दिए जाते हैं कि आप इस तरह से अपनी मनमानी कर रहे हैं , इसलिए आप इधर - उधर जा रहे हैं , इस तरह के प्रतिबंध नहीं होने चाहिए । काम करने के लिए , लेकिन उनके पति , उनके परिवार के सदस्य रुक जाते हैं कि आपको यह काम नहीं करना है , लेकिन वे उस काम को स्वेच्छा से नहीं कर सकते ।
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