जल की कमी होने के कारण भी जल बेवजह बर्बाद किया जाता है हमें या नहीं भूलना चाहिए जल संकट का समाधान जल की संरक्षण से ही है। जल संकट का समाधान जल संरक्षण में निहित है। हमने हमेशा सुना है कि जल ही जीवन है। सभी कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जल पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमूल्य संसाधन है, यह पृथ्वी की सतह का लगभग तीन चौथाई हिस्सा है, और सभी जीवन का आधार है।यह पानी से घिरा हुआ है। इसका 97 प्रतिशत खारा पानी है, जो पीने योग्य नहीं है। पानी की मात्रा केवल तीन प्रतिशत है। यहां तक कि इस पानी का दो प्रतिशत भी हिमनद है।
भारतीय समाज में महिलाओं की सामाजिक स्थिति के कारण निरक्षरता और निष्पक्षता की कमी आर्थिक आत्मनिर्भरता की कमी संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों की जानकारी की कमी अधिकारों की अज्ञानता घरेलू हिंसा और घर और कार्यस्थलों पर यौन शोषण, दहेज, बाल विवाह, बाल विवाह, वृद्धावस्था की हत्या, वेश्यावृत्ति और सार्वजनिक जीवन में सीमित भागीदारी है समाज में पुरुषों और महिलाओं के बीच निर्णय लेने के कई मानदंड भी हैं, जिनमें हत्या, घरेलू हिंसा, दहेज, यौन उत्पीड़न, वेद आदि शामिल हो सकते हैं।ये समस्याएं इस तथ्य के कारण हैं कि विभिन्न संस्थानों में महिलाओं के साथ हिंसा का व्यवहार किया जाता है।
प्राचीन भारत में महिलाओं का बहुत सम्मान किया जाता था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, महिलाओं के अधिकार छीन लिए गए। महिलाओं की स्थिति में भारी बदलाव आया।मध्यकालीन भारत में महिलाओं की स्थिति आर्थिक, सामाजिक और व्यावहारिक रूप से बहुत खराब थी। भारत की आजादी के बाद महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। आज महिलाएं बिना किसी डर के हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। महिलाओं को हर जगह अग्रणी देखा जा रहा है। महिलाएँ अब अपने अधिकारों के प्रति और भी अधिक जागरूक हो गई हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं की स्थिति में सुधार ने देश में आर्थिक और सामाजिक सुधार का अर्थ भी बदल दिया है।
सरकार ने पुराने वक़्त के प्रचलनों को बंद करने के साथ साथ उन पर क़ानूनन रोक लगा दी है। महिला अपने पूरे जीवन में अलग-अलग संबंधों में खुद को बांधकर दूसरों के कल्याण के लिए काम करती है। उचित शिक्षा के अभाव में महिलाओं की स्थिति दयनीय हो गई। वह अपने पूरे जीवन में बच्चे के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाती है और बदले में कुछ नहीं मांगती है और अगर हम महिला हैं तो बिना किसी तर्क के अपनी भूमिका को पूरी सहिष्णुता के साथ निभाती है। अगर हम आज की स्थिति की तुलना पौराणिक समाज की स्थिति से करें, तो यह स्पष्ट है कि स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। महिलाओं ने कई क्षेत्रों में काम करना शुरू कर दिया है।
हमारे समाज में महिला अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक एक अहम किरदार निभाती है। अपनी सभी भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के बावजूद, आज के आधुनिक युग में, महिलाएं पुरुषों से पीछे रहती हैं। पुरुष प्रधान समाज में महिला की योग्यता को पुरुष की तुलना में कम माना जाता है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मनु सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि समाज के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी दुनिया के सामने रखी है.आर्थिक अधिकार प्राप्त करने और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने से महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है। देश के कई आर्थिक संस्थानों में महिलाएं शीर्ष पदों पर हैं।
जल ही जीवन है। इसका मतलब है कि जहाँ पानी है, वहाँ जीवन भी है। पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी है। पानी हमें प्रकृति द्वारा दिया जाता है, इसलिए हमें इसका सम्मान करना चाहिए, न कि मनुष्यों, जानवरों और पौधों पर पानी बर्बाद करना चाहिए। हर किसी के जीवन में पानी का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। पानी के बिना हमारा जीवन व्यर्थ है। हमें यथासंभव पानी की बचत करनी चाहिए और लोगों से यह भी कहना चाहिए कि पानी को व्यर्थ में बर्बाद न करें।
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से जल के महत्व के बारे में बता रही है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं रोकने के उपाय के बारे में बता रही है
उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिला से मंजू यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बता रही है