उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक श्रोता से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाएं जो गरीबी से जूझ रही हैं, उनके गरीबी से बाहर निकलने के लिए सरकार ने योजना चलायी है जैसे महिला स्व-सहायता समूह इसमें शामिल होने के बाद वे वहां से ऋण लेती हैं, अपना व्यवसाय खोल सकती हैं, दुकान खोल सकती हैं कुछ भी व्यवसाय कर सकती हैं जो महिलाएं शिक्षित नहीं हैं वे गाय भैंस ,बकरी पालन कर सकती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक रूपए में ऋण दे रही हैं साथ ही स्व रोजगार मेला भी लगाया जा रहा। उनका कहना है समाज में रहने वाले नागरिकों की भी महिलाओं के प्रति कोई जिम्मेदारी है. पहले पुरुष महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने देते थे अभी के पुरूष जो समझदार पढ़े लिखे हैं वे सोचते हैं कि महिला दस लोगों के साथ बैठेंगी बात करेंगी तो कुछ सीखेंगी। वे अपनी पत्नी का साथ भी देते हैं। लेकिन कुछ पुरूष जो समझदार नहीं हैं वे अभी भी अपनी पत्नी को बाहर निकलने से रोकते हैं। लेकिन सभी लोग ऐसे नहीं हैं कुछ लोग समझते हैं वे अपने पत्नी को पूरा समर्थन देते हैं।