उत्तरप्रदेश राज्य के गोंडा जिला से माधुरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से पलक से बातचीत की। बातचीत में पलक ने बताया कि महिलाओं को वह नहीं मिलता है जिसके वे हकदार हैं इसका कारण पुरुष हैं जो महिलाओं को जवाब नहीं देना चाहते हैं, पुरुषों को यहां जो अधिकार मिल रहे हैं, महिलाओं को भी वहां समान अधिकार मिलने चाहिए। कुछ महिलाएं हैं जो आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हैं या हम कह सकते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बहुत पिछड़ी हुई हैं, वे नहीं जानती कि हमें कैसे रहना चाहिए, वे घरेलू काम के अलावा कुछ नहीं जानती हैं। हमारे क्षेत्र में या हम लोगों के गाँव में ऐसी प्रथा है कि जो पुरूष हैं महिलाओं पर बहुत अत्याचार कर रहे हैं, महिलाएं शिक्षा के मामले में थोड़े पीछे हैं,उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए और उन्हें कुछ करना चाहिए, उन्हें उच्च शिक्षा मिलनी चाहिए, उन्हें उच्च अधिकार मिलने चाहिए। महिलाएं धान के पौधे की तरह होती हैं जो बोया अलग जाता है और बीज कहीं और लगती है। लड़कियों का जीवन भी इसी तरह से होता है, वह माइके में रहती है, वह कहती है कि माइके को अपना मानती हैं लेकिन ससुराल जाना पड़ता है वह कभी भी दोनों घरों को अपना नहीं मानती है। अगर यहाँ कोई समस्या है, तो वह वहाँ के बारे में सोचेगी और अगर वहाँ कोई समस्या है, तो वह ससुराल के बारे में सोचेगी। ऐसी समस्या होने पर भी हम कभी-कभी ऐसी स्थिति में आ जाते हैं और वे ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से झूलती रहती हैं। बहुत से लोग लड़कियों के लिए ऐसा मानेंगे घर के कुछ काम करने चाहिए ताकि वह मोबाइल के माध्यम से या किसी के माध्यम से कुछ पैसा कमा सके ताकि उसे किसी भी स्थिति में न फैलाना पड़े, चाहे समाज या सरकार से आपका कोई भी मतलब हो। योजनाएं चलाई जाती हैं ताकि महिलाएं अपने लिए स्वतंत्र हो सकें और अपने हाथों के लिए आगे बढ़ सकें।