ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का अर्थ है ग्रामीण महिलाओं को उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना। यह उन्हें निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है। सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करना या उन्हें रोजगार देना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में समानता का दर्जा देना भी है। महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समुदाय के लिए बेहतर निर्णय ले सकती हैं। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आधी आबादी या महिलाओं को उनका पूरा हक दिया जाने से उनके जीवन सहित समाज में किस तरह के बदलाव आएगा जो एक बेहतर और बराबरी वाले समाज के निर्माण में सहायक हो सकता है? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है। टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राजेश कुमार सिंह से बातचीत की। राजेश कुमार सिंह का कहना है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार देना अनुचित है, उन्हें पति के संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। सरकार ये अनुचित कदम उठा रही है , इससे केवल विवाद बढ़ेगा । भाई बहन के रिश्ते ने दरार आ सकता है, उन्हें केवल पति की संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनील अग्राणी से बातचीत की। सुनील अग्राणी का कहना है कि महिलाओं को भी पुरुषो के मुकाबले संपत्ति में 50 प्रतिसत की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। आज के समय में महिलायें पुरुषो से भी आगे बढ़ चुकी है, इस लिए उन्हें भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। भाई बहन अगर समझदार होंगे तो उनके रिश्ते में दरार नहीं आएगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि महिला समाज अभी भी अपने अधिकारों की लड़ाई में पीछे है क्योंकि उन्हें अभी तक शिक्षा का ज्ञान नहीं है। यह अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है कि वे संपत्ति के अधिकार से लाभान्वित होंगे या उन्हें हानि होगा। पुरुष वर्ग का कहना है कि जब महिलाओं को संपत्ति का अधिकार पहले से नहीं दिया गया तो उन्हें अब क्यों दिया जाये। अगर पुरुष वर्ग महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के लिए सामने नहीं आएगा , तो महिलाएं पीछे रह जाएंगी। महिलाओं को अधिकार सिर्फ कागजों में दिया जा रहा है। सरकार को महिलाओं को पहले शिक्षित करना होगा, छोटे गाँवों और कस्बों में ऐसे स्कूल होने चाहिए जिनमें महिलाओं को उच्च स्तर तक प्राथमिकता के आधार पर शिक्षा मिल सके। तभी महिलायें जागरूक हो सकेंगी और आगे बढ़ेंगी

Transcript Unavailable.

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से उमाशंकर चौधरी से बातचीत की। उमाशंकर चौधरी का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकर देना कोई बुरी बात नहीं, क्योंकि एक पिता के दोनों संतान का संपत्ति में बराबर का हक़ होता है। लेकिन शादी के बाद अगर बहन का पति लालची निकला तो वो संपत्ति का दुरुपयोग कर सकता है, ऐसी स्थिति में संपत्ति देना वाज़िब नहीं है। इससे भाई बहन के रिश्ते में खटास आ सकता है और विवाद की स्थिति बन सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बनारसी से बातचीत की। बनारसी का कहना है महिलाओं को संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि यदि वे अपनी बहन को भूमि में हिस्सा देंगे तो वे भी किसी के बहन का हिस्सा पायेंगे। इससे भाई बहन के रिश्ते में मिठास आएगी

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मटर की फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से राम दयाल से बातचीत की। राम दयाल का कहना है कि अगर पिता के पुत्र और पुत्री दोनों संतान है, तो बेटियों को संपत्ति का अधिकार देना गलत है। अगर पिता के केवल पुत्री संतान है, तो उन्हें अधिकार दिया जा सकता है। बेटे के रहते बेटियों को अगर पैतृक संपत्ति में अधिकार मिलता है , तो भाई बहन के बीच विवाद पैदा हो सकता है।