महिलाओं की भागीदारी देखते हैं, तो समाज में महिलाओं की भागीदारी काफी है। कुछ स्थानों पर महिलाएं रोजगार, शिक्षा, संपत्ति का अधिकार, राशन कार्ड का अधिकार जैसे अपने अधिकारों का प्रयोग करने में सक्षम नहीं हैं। केवल कुछ ही महिलाएं चुनावों में अपने अधिकारों में से एक को छोड़कर सभी का प्रयोग करने में सक्षम हैं, जिससे आधे से अधिक महिलाओं को जानकारी नहीं है। इसके लिए शिक्षा को बढ़ावा देना भी जरूरी है, शिक्षा बनी रही तो महिलाओं का सशक्तिकरण होगा, शिक्षा नहीं रही तो महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं होगा। परिवार समाज का अग्रदूत होगा, जैसा कि आज महिलाओं, हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज, सेना, नौकरियों, दुकानों और समाज के कई अन्य पहलुओं में देखा जाता है। पुरुषों की तुलना में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाओं की संख्या अधिक है, लेकिन फिर भी, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अभी भी काफी अनपढ़ हैं, जिसके कारण वे पानी में घरेलू चौकों और भोजन और कपड़ों का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। वे सफाई में लगे हुए हैं ताकि वे बाहरी ज्ञान का अनुभव न करें। व्यवस्थाओं को सम्मान और शिक्षा की आवश्यकता है ताकि देश का विकास तभी हो जब महिलाएं जागरूक हों।
उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि स्वास्थ्य विभाग हो, कृषि विभाग हो, समाज कल्याण विभाग हो, हर विभाग में ही महिलाएं पाई जा रही हैं। यह बहुत अच्छी बात है कि लोगों को मनुष्यों के समान अधिकार मिल रहे हैं। हर किसी को अपना जीवन जीने का पूरा अधिकार है। पहले लोग महिलाओं को घर में ही रखते थे, उन्हें पर्दा में रखते थे, उन्हें पर्दा से बाहर नहीं जाने देते थे। समाज में ऐसा कुछ भी नहीं है, चाहे वह घर का काम हो या बाहर का काम या पढ़ाई या खेल का मैदान, महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक सक्रिय होती हैं।
हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।
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