उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से जकीउललाह से साक्षात्कार लिया।जकीउललाह ने बताया कि ये मोबाइल वाणी पर प्रसारित कार्यक्रम सुनते हैं।बेटियों और महिलाओं को सम्पत्ति अधिकार के प्रति मोबाइल वाणी के कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक करना चाहिए।बेटियों को जमीन में हिस्सा जरूर मिलना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला आलोक श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शान्ति देवी से साक्षात्कार लिया।शान्ति देवी ने बताया कि ये मोबाइल वाणी पर प्रसारित कार्यक्रम सुनती हैं और इनको बहुत अच्छा लगता है। इनके पिता ने इनको सम्पत्ति में हिस्सा दिया था और ये अपने बेटी को भी देंगी। ये निर्णय इन्होने बहुत पहले से किया हुआ है। बेटा और बेटी में जमीन -आसमान का अंतर होता है। जैसे बेटी मायके और ससुराल दोनों जगह देखती है,बेटा वैसे नही देख पाता है। बेटा और बेटी में यह अंतर हमेशा रहेगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से राम प्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम बचपन मनाओ बढ़ते जाओ कार्यक्रम अच्छा लगता है। आँगनवाड़ी ,पाठशाला इसमें बच्चे पढ़ने जाते हैं वहाँ पर बच्चों को देख रेख की जरूरत है कि बच्चे क्या सीख रहे हैं क्या नहीं। बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला की रहने वाली नेहा देवी ने मोबाइल वाणी पर चल रहा कार्यक्रम सुना जिसमे महिलाओं के अधिकार के बारे में जानकारी दी जा रही थी। इस कार्यक्रम को सुनकर के उन्होंने अपने पैतृक संपत्ति में अपना अधिकार ले लिया। उनके पिता के भाई यानी चाचा के चार बेटे थे जिसके वजह से उन्हें उनका अधिकार नहीं मिल रहा था। उन्होंने मोबाइल वाणी सुनकर अपने जीवन में बदलाव आया और अपना अधिकार भी लिया।आज वे अच्छे से खेती बाड़ी कर के जीवन यापन कर रही हैं। मोबाइल वाणी के कार्यक्रम में अच्छी अच्छी जानकारी सुनकर वे बहुत खुश हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मोबाइल वाणी पर महिला सम्पत्ति अधिकार पर प्रसारित कार्यक्रम लोगों को जागरूक कर रहा है। क्षेत्र के लोग इस कार्य के लिए मोबाइल वाणी की प्रसंशा कर रहे हैं और धन्यवाद दे रहे हैं । महिला सम्पत्ति अधिकार पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। समाज में कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोगों के अनुसार महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। कुछ लोग बेटों के बजाय बेटियों को अपनी संपत्ति का अधिकार देने की बात कर रहे हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अलोक कुमार से साक्षात्कार लिया। लोक कुमार ने बताया कि कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैला रहा है। बेटा या बेटी को समान रूप से सम्पत्ति का अधिकार देंगे। मोबाइल वाणी के माध्यम से हमेशा जानकारी मिलती रहनी चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीरनगर से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि गोंडा जिला की महिलाये कार्यक्रम 'अपनी जमीन, जमीन अपनी आवाज़ ' सुनकर जागरूक हो रही है और अपने बच्चो को भी शिक्षित कर रही है। आज भी बहुत सारी महिलाये अपने घरो से बाहर नहीं निकलती है और शिक्षा से वंचित रह जाती है। महिलाओं को अपना हक़ पाने के लिए खुद आगे आना होगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के सी चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुजीत से बातचीत की। सुजीत का कहना है की मोबाइल वाणीं माध्यम से उन्हें बेटो और बेटियों के सामान अधिकार के बारे में जाना। बेटियों को भी जमीन जायदाद में हिस्सा देना चाहिए। बेटो के मुकाबले बेटियां माता पिता की ज्यादा सेवा करते है। बेटियों को हिस्सा मिलना चाहिए, वो इसकी हकदार है। अगर बेटे माता पिता की सही से सेवा नहीं कर पाएंगे, तो बेटियों को ही करना होगा। लोगो को इसका साथ देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं हैं और हर सुख - दुःख में अपने माता - पिता के साथ खड़ी रहती हैं । बेटियों को सशक्त और मजबूत बनने के लिए पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा देना चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से अमरनाथ से साक्षात्कार लिया।अमरनाथ ने बताया कि मोबाइल वाणी पर प्रसारित अपनी जमीन अपना अधिकार ' कार्यक्रम कई बार सुना है और इनको बहुत अच्छा लगता है। आज के दौर में बेटियां भी बेटों के बराबर हैं और माता - पिता के सुख -दुःख में भाइयों से ज्यादा ख्याल बेटियां रख रही हैं। इसलिए पैतृक सम्पत्ति में बेटियों को हिस्सेदारी देना चाहिए।